इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
CM’s Reply To Harsimrat badal : मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि किसी भी अकाली नेता खासकर पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को कृषि कानूनों के कारण पैदा हुए संकट पर बोलने का नैतिक हक नहीं है, क्योंकि वह इस संकट को आसानी से टाल सकते थे, जब वह केंद्र सरकार में हिस्सेदार और इसके हर लोक विरोधी फैसले के पक्ष में होते थे।
मुख्यमंत्री ने पंजाब में लंबे समय से चल रहे किसान संघर्ष के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव संबंधी दिए गए बयान के संदर्भ में हरसिमरत बादल द्वारा गैर-जिम्मेदाराना दावे करने और उनके खिलाफ निराधार दोष लगाने पर तीखा पलटवार करते हुए अकाली नेता के राजनीतिक तौर पर प्रेरित विचारों की सख्त शब्दों में निंदा की।
उन्होंने कहा कि हरसिमरत बादल की यह बयानबाजी संकट को रोकने में उसकी पार्टी और स्वयं की नाकामी पर पर्दा डालने से अधिक और कुछ नहीं है, जबकि यह कांटे उनके अपने ही बीजे हुए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा उन पर भारतीय जनता पार्टी की लीडरशिप और प्रधानमंत्री की बोली बोलने के लगाए गए दोषों की खिल्ली उड़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केंद्र और पड़ोसी राज्य हरियाणा में सत्ताधारी पार्टी पर छोड़ दिया होता तो किसान अपनी आवाज सुनाने के लिए दिल्ली की सरहदों तक भी न पहुंचते।
सीएम ने कहा कि मैंने कभी भी किसानों को दिल्ली जाने के लिए नहीं कहा। आपकी गठजोड़ सरकार के विनाशकारी कदमों के निष्कर्ष के तौर पर किसानों को मजबूरन अपने घर-बार छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी की सरहद पर बैठना पड़ा, जहां उनको कई तत्वों का सामना करने के अलावा जान भी गंवानी पड़ी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरसिमरत बादल को किसानों पर कृषि कानून थोपने में अपनी मिलीभगत संबंधी झूठ बोलने से गुरेज करने के लिए कहा, जो कानून सिर्फ पंजाब के लिए नहीं बल्कि समूचे देश के लिए हैं।
हरसिमरत बादल द्वारा उनकी (कैप्टन अमरिंदर सिंह) टिप्पणियों से हैरान और दुखी होने के किए गए दावे पर चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि शिरोमणि अकाली दल की नेता या तो जानबूझ कर झूठ बोल रही है या राज्य और इसके लोगों की दुर्दशा के प्रति पूरी तरह से मूक और लापरवाह है।
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, यह कितनी हास्यप्रद बात है कि यह सब कुछ उस पार्टी की नेता कह रही हैं जिस पार्टी का पंजाब में 10 साल का बुरे प्रबंधों वाला शासन रहा और राज्य को तबाही के किनारे पर ला खड़ा किया। उन्होंने हरसिमरत को कहा कि आपको 10 सालों के समय के दौरान दुख और पीड़ा का एहसास नहीं हुआ जब अकाली-भाजपा सरकार ने अपने भ्रष्ट कामों से लोगों को एक के बाद एक जख्म दिया।
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