इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Gajwa A Hind : कर्नाटक से शुरू हुआ ”हिजाब” विवाद अभी थमा भी नहीं था कि गजवा-ए-हिंद चर्चा में आ गया। आपको बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने एक ट्वीट के जरिए लिखा है कि ‘‘गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत तक साकार नहीं होगा”।
बता दें पांचों राज्यों में 10 फरवरी 2022 से विधानसभा चुनाव शुरू हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में दो चरणों में मतदान भी हो चुके हैं। अब सवाल यह है कि गजवा-ए-हिंद है क्या? आखिर चुनावों के दौरान ही चर्चा में क्यों आया। (What Is Gajwa A Hind Dream)
Gajwa A Hind का क्या है मतलब?
- गजवा-ए-हिंद पुराना शब्द है। (meaning of Gajwa A Hind) इसमें गजवा का मतलब उस जंग से था, जो इस्लाम के विस्तार के लिए लड़ी जाती थी। यानी, गजवा-ए-हिन्द ( Gajwa A Hind) के मायने ऐसी जंग से हैं, जिसके जरिए भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों को इस्लाम में शामिल किया जा सके।
- जानकार बताते हैं कि जब इस्लाम को भारत वर्ष में विस्तार देने की कोशिश हुई थी, तब इस शब्द का इस्तेमाल हुआ था। इसे लेकर कुछ हदीसे भी हैं। इस तरह मोटे तौर पर गजवा-ए-हिंद का मतलब भारत में युद्ध के जरिए इस्लामिक राज्य की स्थापना करने से है।
- आप सोच रहे होंग कि हदीस क्या है। दरअसल, कुरान के बाद हदीस ही इस्लामिक धर्म, शिक्षा, रीति-रिवाज का सबसे बड़ा जरिया है। हदीस पैगंबर मोहम्मद की उन बातों का संग्रह है जो उन्होंने सहाबा (पैगंबर के सहयोगी) से उनके किसी सवाल के जवाब में कही थीं।
क्या हदीस के नाम पर लोगों को किया जा रहा गुमराह? (Gajwa A Hind)
- ब्रिटिश मसीहा फाउंडेशन इंटरनेशनल के सह संस्थापक का कहना है कि गजवा-ए-हिंद को हदीस (Hadith) से जोड़कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। गजवा-ए-हिंद में हिंदुओं, सिखों या इस्लाम कबूल नहीं करने वालों के कत्ल की कोई बात नहीं की गई है।
- हदीस में जब भारत को लेकर गजवा-ए-हिंद की बात कही गई थी तो उस समय तो पाकिस्तान था ही नहीं। ऐसे में पाकिस्तान अगर भारत पर हमला करता है तो यह तो भारत का भारत पर हमला होना माना जाएगा। क्योंकि पाकिस्तान तो भारत का अंग रहा है।
- वहीं, जो आतंकी गजवा-ए-हिंद करना चाहते हैं वे खुद ये मानते हैं कि मोहम्मद साहब इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में वे कैसे गजवा-ए-हिंद करेंगे? वे लोगों को हदीस के नाम पर सिर्फ गुमराह कर रहे हैं।
क्या पूरी दुनिया में फहर चुका है इस्लाम का परचम? (Gajwa A Hind)
- कुछ लोगों का मानना है कि जब तक भारत में इस्लाम का परचम फहराया नहीं जाता, इस्लाम संपूर्णता को प्राप्त नहीं कर सकता। Gajwa A Hind का मतलब साफ है कि जब तक पूरी दुनिया में इस्लाम का परचम नहीं फहरेगा, तब तक इस्लाम अधूरा है।
- इस्लाम का मानना है कि तकरीबन पूरी दुनिया में इस्लाम का परचम फहरा दिया गया है, लेकिन 700-800 सालों से भारत में इस्लाम का परचम नहीं फहराया जा सका है। जब तक भारत की गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले में इस्लामिक कानून नाफिस नहीं हो जाता, इस्लाम के मानने वालों की सरकार नहीं बन जाती, तब तक गजवा-ए-हिंद का सपना पूरा नहीं होगा।
क्या ये संभव है पाकिस्तान हिन्दुस्तान पर हुकुमत करेगा?
- ऐसा कुछ भी नहीं है। इससे केवल मुसलमानों के खिलाफ दीवार खड़ी की जा रही है। बता दें कि हिन्दुस्तान में तो पहले ही गजवा-ए-हिंद हो चुका है। बाबर के जमाने में हो चुका है। बाबर ने यहां आकर डेरा डाल दिया था। हिंदुस्तान के अंदर मुसलमानों की जंग ही गजवा-ए-हिंद है। यह जंग तो पहले ही हो चुकी है।
- 800 साल तक जो हिंदुस्तान पर हुकूमत की गई वह यही तो था। क्या बांग्लादेश आकर भारत पर कब्जा कर लेगा। कौन सा ऐसा मुल्क है जो हिन्दुस्तान पर कब्जा कर लेगा। क्या चीन गजवा-ए-हिंद करेगा। यह कुछ नहीं है। सिर्फ इसके जरिए मुसलमानों के खिलाफ दीवार खड़ी करने की कोशिश हो रही है।
क्या भारत में गजवा-हिंद के नाम से झूठा कैंपेन चल रहा है?
- केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बताते हैं कि देश में गजवा-ए-हिंद के नाम से एक झूठा कैंपेन चलाया जा रहा है। इसका मकसद लोगों के दिमाग में यह बात भरना है कि मुसलमान भारत के टुकड़े कर देंगे। इसे कौन स्वीकार कर लेगा? कोई भी स्वीकार नहीं करेगा।
- गजवा-ए-हिंद की बात करने वालों को यह भी नहीं पता कि गजवा उन लड़ाइयों को कहा जाता है जिसमें मोहम्मद पैगंबर खुद मौजूद थे। लगातार पिछले दो तीन साल से गजवा-ए-हिंद की बात हो रही है। शुरूआत पाकिस्तान से हुई है, लेकिन हमारे यहां भी कुछ लोग कह रहे हैं कि यह हदीस में है। मैं कहता हूं कि किसी भी अथॉरिटेटिव बुक में इस बारे में कुछ नहीं है। यह भ्रांति फैलाई जा रही है।
कैसी Gajwa A Hind की हुई शुरुआत?
- अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे और हडसन इंस्टीट्यूट के इस्लाम और लोकतंत्र प्रोजेक्ट के मुखिया रहे हुसैन हक्कानी लिखते हैं कि हदीसों का सहारा लेकर मुस्लिम नौजवानों को जिहादी आतंकवाद के लिए उकसाने की प्रवृत्ति अफगान-सोवियत युद्ध के दौरान शुरू हुई। अफगान-सोवियत युद्ध के खत्म होने के बाद तमाम जिहादी गुटों ने मध्य और दक्षिण एशिया में अपनी गतिविधियां शुरू कीं।
- 1989-90 के इस दौर में कश्मीर में आतंकवाद ने अपने पांव पसारे और गजवा-ए-हिंद नाम से इस दुष्प्रचार की शुरूआत हुई कि कश्मीर में जिहाद दीन का आदेश है और इसमें शहीद होने वाले को जन्नत नवाजी जाएगी। धर्म के नाम पर मौलवियों का एक पूरा नेटवर्क खड़ा किया गया जिसने जिहाद के शहीद को जन्नत में 72 हूरें मिलने जैसी बातें भी जोड़ीं।
- लश्कर-ए-तैयबा तो उस समय गजवा-ए-हिंद की व्याख्या कश्मीर से भारत की आजादी के तौर पर करता था और इसे दीन का हुकुम बताता था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी करक के इशारे पर जैद हामिद जैसे पत्रकार पाकिस्तानी मीडिया में गजवा-ए-हिंद के तौर पर मशहूर रवायतों की आधुनिक व्याख्या हिंदू भारत और मुस्लिम पाकिस्तान के बीच युद्ध के तौर पर बताते थे। वे कहते थे कि पाकिस्तान बना ही दुनिया में इस्लामिक मुखालफत कायम करने के लिए है। मसूद अजहर जैसे आतंकी भी ऐसी रवायतों की मनगढ़ंत व्याख्या करते हैं।
क्या कहती है इस्लाम?
- जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से मौलाना वारिस मजहरी का कहना है कि दुनिया में गल्बा-ए-इस्लाम के लिए कुरान-हदीस के उदाहरण देना गलत है, क्योंकि कुरान में गल्बा-ए- इस्लाम से मतलब किसी तरह के सियासी निजाम को स्थापित करना नहीं है, बल्कि इस्लाम के पैगाम से दुनिया को मुतासिर करना है।
- गजवा-ए-हिंद का जिक्र हदीसों के छह प्रामाणिक संग्रहों में केवल एक में मिलता है। साथ ही गजवा-ए-हिंद से संबंधी रवायतों में केवल एक ही सहाबी अबू हुरैरा का ही जिक्र आता है। ऐसे में लगता है कि यह रवायत सही नहीं है और पैगंबर के काफी बाद उमैया खिलाफत के शासकों की ओर से इस मकसद से लिखवाई गई है कि वे अपनी आक्रमण और विस्तार की नीति को इस्लाम का जामा पहना सकें और उन्हें तर्कसंगत ठहरा सकें।
क्या आतंकी संगठन भारत में हमला करने के लिए Gajwa A Hind का इस्तेमाल कर रहे हैं?
- पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन भी समय-समय पर भारत में हमला करने के लिए गजवा-ए-हिंद की बात करते हैं। 2019 में पुलवामा हमले से करीब एक साल पहले जैश-ए-मोहम्मद की बैठक में भारत के खिलाफ गजवा-ए-हिंद जारी रखने का फैसला किया गया था।
- वहीं, 2011 में पाकिस्तान के लाहौर में एक रैली में आतंकी हाफिज सईद ने कहा था कि अगर कश्मीरियों को आजादी नहीं दी गई तो हम कश्मीर सहित पूरे भारत पर कब्जा कर लेंगे। हम गजवा-ए-हिंद की शुरूआत करेंगे। गजवा-ए-हिंद यानी भारत पर कब्जे के लिए लड़ाई। (Terrorist Attack)
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