इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
India China Crisis : भारतीय के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में चीन पर तीखा हमला बोला। कहा कि वास्तविक सीमा रेखा पर सैनिक तैनात करने को लेकर हुए समझौतों का उल्लंघन चीन ने किया है। गलवां घाटी में हुआ संघर्ष इसका एक उदाहरण है। चीन समझौतों का उल्लंघन कर सीमा पर बार-बार भारत के लिए चुनौती पेश कर रहा है। ऐसे में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि समस्या यह है कि 45 साल तक सीमा पर शांति रही, सीमा प्रबंधन स्थिर था, 1975 से सीमा पर कोई जवान हताहत नहीं हुआ था। परंतु अब यह बदल गया है। चीन के साथ वास्तविक सीमा रेखा पर कम से कम सैन्य बलों की तैनाती को लेकर भारत ने समझौते किए थे। लेकिन चीन ने उन समझौतों का उल्लंघन किया। साफ है चीन के साथ हमारे संबंध खराब दौर में दिख रहे है।
जून 2020 में गलवान घाटी में चीन ने वास्तविक सीमा रेखा का उल्लंघन करते हुए भारतीय सैनिकों पर हमला बोला था। इस हिंसक झड़प में कई सैनिकों ने अपनी जान गवां दी थी। हालांकि कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन के ज्यादा सैनिकों की मौत हुई। इसके बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख में तनाव बढ़ गया था। गलवान संघर्ष के बाद कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता भी हुई, लेकिन अभी तक इसका उचित हल नहीं निकला है।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 2022 में पैनल चर्चा के दौरान इंडो-पैसिफिक की केंद्रीयता को रेखांकित करते हुए जयशंकर ने यहां कहा कि आज की दुनिया ‘बहुत अधिक अन्योन्याश्रित, अंतर-भेदक और प्रकृति में विरोधाभासी’ है, जहां एक देश को हितों के एक बड़े टकराव के बावजूद दूसरे के साथ व्यापार करना पड़ता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर इस दौरान कहा कि आसियान देशों के साथ हमारे संबंध अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं। दो बड़े बदलाव हो रहे हैं। आसियान के साथ हमारा सुरक्षा सहयोग बहुत मजबूत है। सिंगापुर, इंडोनेशिया और वियतनाम के साथ हमारे मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं।
Also Read : Coal Crisis Continues : कई गुना बढ़े कोयले का दाम, जानिए क्यों भारत-चीन में आया संकट
Connect With Us : Twitter Facebook
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.