इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: Russia And Ukraine Dispute: रूस-यूक्रेन सीमा पर बढ़ते तनाव पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है। यूक्रेन पर रूस के व्यापक हमले की आशंका बढ़ गयी है। क्योंकि एक ओर रूस ने अपने राजनयिकों को यहां से हटाना शुरू कर दिया है, तो दूसरी ओर सांसदों ने पुतिन को सैन्य बल प्रयोग की अनुमति दे दी है। इसी बात को लेकर कई देशों ने यूएनएससी में आपातकालीन बैठक बुलाई है। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी यूक्रेन में आगे बढ़ती रूस की सेना को रोक नहीं पा रहे हैं। क्योंकि रूस के पास भी वीटो पावर है। तो चलिए जानते हैं कि क्या होती है यूएनएससी और वीटो पावर।
यूएनएससी क्या है? ( What is UNSC)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। यह यूनाइटेड नेशन की सबसे मजबूत संस्था होती है। कहते हैं कि इस पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने की जिम्मेदारी होती है।
कुछ मामलों में यूएनएससी अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने या बहाल करने के लिए प्रतिबंध लगाने या बल उपयोग करने का सहारा ले सकती है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता हर माह बदलती है और यह अंग्रेजी के अल्फाबेटिकल आर्डर में होता है। अभी रूस इसकी अध्यक्षता कर रहा है।
यूएनएससी में स्थायी और अस्थायी सदस्य कितने होते हैं? (How many permanent and non-permanent members are there in UNSC)
आपको बता दें कि यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका और चीन है। बताया जाता है कि इसके साथ ही यूएनएससी में दस अस्थायी सदस्य होते हैं। भारत, ब्राजील, अल्बानिया, गैबॉन, घाना, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको, नॉर्वे, यूएई अभी यूएनएससी के अस्थायी मेंबर हैं। अस्थायी सदस्य को हर दो साल में चुना जाता है। लेकिन वीटो पावर पांच स्थायी सदस्य के पास ही है।
What is veto power? ( Russia And Ukraine Dispute)
बता दें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों को ही वीटो पावर मिला है। सुरक्षा परिषद बिना इन पांचों देशों की रजामंदी के कोई भी प्रस्ताव पारित या लागू नहीं कर सकती है। पांच में से कोई एक सदस्य भी इसका वीटो करता है तो यह प्रस्ताव खारिज हो जाएगा।
पांच स्थायी देशों को यह वीटो पावर इस आधार पर दी गई है कि दुनिया की इन पांच बड़ी शक्तियों में से एक के असहमत होने पर शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद प्रस्ताव तो पारित कर लेगी लेकिन सच्चे अर्थों में इन्हें जमीन पर लागू नहीं कर पाएगी। भारत, जापान और ब्राजील जैसे कई देश भी सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता यानी वीटो पावर की मांग कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का काम क्या? ( Russia And Ukraine Dispute)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर अंतरराष्टÑीय स्तर पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होती है। इसके लिए यूएनएससी प्रतिबंध लगाने और बल उपयोग करने की मदद ले सकती है। यूएनएससी की अध्यक्षता हर माह अल्फाबेटिकल ऑर्डर में बदलती है।
यूएनएससी की बैठक कब होती है?
किसी भी मसले को लेकर कोई भी देश सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की मांग कर सकता है। इसके बाद सदस्य देश यह तय करते हैं कि बैठक बुलाई जाए या नहीं। यूएनएससी में किसी भी मामले को लेकर दो तरह की बैठक बुलाई जाती है। पहली ओपन डिबेट और दूसरी क्लोज्ड डोर बैठक।
क्लोज्ड डोर बैठक सामान्य बैठक की तरह ही होती है। लेकिन आम लोगों के लिए यह नहीं होती है। इसमें सिर्फ पांच स्थायी मेंबर शामिल होते हैं। मीडिया के लोगों को इस बैठक में शामिल नहीं किया जाता है। इसका रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है बल्कि एक आधिकारिक बयान जारी होता है। वहीं ओपन डिबेट में सभी 15 सदस्य शामिल होते हैं। इसमें मीडिया के लोग भी भाग ले सकते हैं। इस दौरान सभी बयानों को जारी किया जाता है।
What can happen in the meeting called against Russia ?
Russia And Ukraine Dispute: रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों लुहांस्क और डोनेट्स्क को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है। इन पर अभी यूक्रेन के विद्रोहियों का कब्जा है। रूस के इस फैसले के खिलाफ फ्रांस ने यूएनएससी की आपात बैठक बुलाई है। रूस अभी यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है। रूस ने बैठक को ओपन डिबेट रखने के अमेरिकी आग्रह को भी स्वीकार कर लिया है।
बता दें अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन इस बैठक के जरिए रूस के खिलाफ कुछ नहीं कर सकता है। क्योंकि स्थायी मेंबर होने के चलते रूस के पास वीटो पावर है। ऐसे में इन देशों की तरफ से रूस के खिलाफ आने वाले किसी भी प्रस्ताव के पारित होने की संभावना नहीं है। इसका कारण है कि ऐसे किसी भी प्रस्ताव के खिलाफ रूस वीटो कर देगा।
वीटो करने की स्थिति में वह प्रस्ताव पास नहीं हो सकेगा। वहीं चीन भले ही बैठक में डिप्लोमैटिक बयान जारी कर रूस और यूक्रेन को बातचीत की सलाह दी है। लेकिन चीन भी ओपन डिबेट के दौरान किसी भी प्रस्ताव पर रूस का ही साथ देगा।
यूएनएससी की बैठक में भारत का क्या कहना?
यूक्रेन संकट पर चल रही यूएनएससी की बैठक में भारत ने बीते मंगलवार को कहा है कि सभी पक्ष इस मामले पर संयम बरतें। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन से संबंधित घटनाओं पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का समाधान सिर्फ कूटनीतिक बातचीत से ही हो सकता है। टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हाल के दिनों में संबंधित पक्षों ने तनाव कम करने के लिए जो पहल की है उस पर सोचने की आवश्यकता है।