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अभिषेक शर्मा, मुंबई :
Maha Shivaratri 2022 Dhyan Foundation : शिव परिवार के स्वरुप द्वारा प्रकृति का प्रत्येक पहलू उजागर होता है। जहाँ उनकी जटाएँ पवित्रता की द्योतक गँगा को धारण किये हुऐ हैं वहीं उनके गले में मुण्ड-माला (महाकाल का रूप) और नीचे वाक चर्म सुसज्जित है जो की अशुद्धता का प्रतीक है। शुद्ध-अशुद्ध, दोनों ही शिव में आते हैं। उनके शिखर पर सुशोभित अर्द्धचन्द्र सौंदर्य का प्रतिक है तो वहीँ शरीर पर लिप्त भस्म एक साधारण मनुष्य के लिए कुरूपता का चिह्न। उनकी गर्दन में कुंडलित सर्प का भोजन मूषक है, जो की उनके पुत्र गणेश जी का वाहन है। कार्तिकेय की सवारी मयूर है और मयूर का भोजन सर्प। माता शक्ति की सवारी बाघ है और शिव का वाहन बैल, जो कि बाघ का भोजन है।
शिव कामनाशक हैं तो वहीं माता शक्ति उनकी अर्द्धांगिनी हैं और दोनों मिलकर एक परिवार के प्रतीक हैं। और परिवार काम बिना संभव नहीं। एक बार फिर पता चलता है कि दोनों ही स्वरुप शिव के अंदर हैं।
शिव के आभूषण रुद्राक्ष हैं, तो माता के स्वर्ण मणि। भूत, प्रेत, पिशाच, देवी, देवता, सुर, असुर, आदि अस्तित्व के सभी स्तर उनके गण हैं। वह किसी को मना नहीं करते। इस प्रकार भगवान शिव के स्वरुप में सभी कुछ शामिल है, उनसे बाहर कुछ भी नहीं।
सृष्टि का सृजन माता आदि शक्ति से हुआ, और उन्हीं से ही शिव उत्पन्न हुए। उन्होनें शिव की अर्द्धांगिनी बनना स्वीकार किया और उनके मिलन से सृष्टि के सभी पहलू उत्पन्न हुए। शिव और शक्ति का मिलन ही पूर्णता का प्रतीक है। जिसका न कोई आदि है न अंत।
शिवरात्रि इसी पूर्णता को अपने अंदर अनुभव करने की रात है। किन्तु यह गुरु सानिध्य में, कुछ विशेष क्रियाओं, जैसे सनातन क्रिया, मन्त्र जाप और हवन आदि, द्वारा ही संभव है।
हम सभी अपूर्ण हैं और यही अपूर्णता हमें जीवन भर कुछ खोजने के लिए मज़बूर करती है। शिवरात्रि शिव को अनुभव करने की रात है, इस अनंत सृष्टि के साथ एक होकर पूर्ण होने की रात है – केवल बौद्धिक रूप से नहीं बल्कि गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान से।
शिव और शक्ति की के उर्जा को प्रतिध्वनि करिए, 1 मार्च 2022को, 9:00 बजे से।
विश्वव्यापी यज्ञ के बाद ध्यान, मंत्र साधना और जल अभिषेक का कार्यक्रम।
भाग लेने के लिए संपर्क करें
09999567895
www.dhyanfoundation.com
ध्यान फाउंडेशन एक आध्यात्मिक और धर्मार्थ, स्वयंसेवी संगठन है। यह संगठन प्राचीन ऋषियों की गुरु -शिष्य परंपरा के अनुसार अश्विनी गुरुजी के सानिध्य में योग साधना के सन्देश को प्रचारित करने के लिए समर्पित है। इसके द्वारा आयोजित सभी गतिविधियों तथा कार्यशालाओं का आयोजन निशुल्क किया जाता है।
निःस्वार्थ सेवा और सत्कर्मों के द्वारा ही आत्मिक उत्थान संभव है’ इसी प्रेरणा से प्रेरित ध्यान फाउंडेशन एकमात्र ऐसा संगठन है जो भारत – बांग्लादेश बॉर्डर पर बी एस एफ द्वारा, वध और तस्करी से बचाए गए मवेशियों को पुनर्वासित करने का कार्य कर रहा है।हमारी 47 ( सैंतालीस ) से भी अधिक गौशालाओं में करीब 70 हज़ार गौवंश के भोजन, रख रखाव और उनकी चिकित्सा व्यवस्था की जाती है।
अश्विनी गुरुजी आधुनिक युग के इतिहास में एकमात्र ऐसे गुरु हैं, जिन्हें प्रत्यक्ष 200 डॉक्टरों के सामने अपने विषय आध्यात्मिक चिकित्सा के सूक्ष्म विज्ञान को साबित करने का विश्वास था। उनके मंत्र उच्चारण से साधकों को दिव्य अनुभव सहज ही प्राप्त हो जाते हैं। इस बात का प्रमाण तो आपको स्वयं के अनुभव से ही प्राप्त हो सकता है। वह योग तथा आध्यात्मिक विज्ञान जैसे मन्त्र,यज्ञ तथा वैदिक युद्ध कलाओं आदि के पूर्ण ज्ञाता हैं। ध्यान आश्रम के योगी अश्विनी से dhyanashram.ya@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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