India News(इंडिया न्यूज), Jabalpur:  हमारे देश में शिक्षा का अधिकार सभी के पास है। लेकिन आज के समय में शिक्षा एक बहुत बड़ा व्यापार बन चुका है। गरीब परिवार के लोगों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती है। वहीं सामान्य वर्ग के लोगों को अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए अपनी पूरी कमाई लगानी पड़ती है। ऐसे में अगर शिक्षा व्यवस्था सही हो जाए तो देश के हालत में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। इसी लक्ष्य के साथ जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना और एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने जबलपुर में फ़ीस, किताब और स्टेशनरी के नाम पर मनमानी करने वाले स्कूलों पर बड़ी कार्रवाई की है। इंडिया न्यूज ने अपने प्राइम टाइम शो आंकड़े हमारे फैसला आपका में इस मुद्दे को लेकर जनता से कुछ सवाल किया है। जिसके जवाब कुछ इस प्रकार है।

जबलपुर में फ़ीस, किताब और स्टेशनरी के नाम पर मनमानी करने वाले स्कूलों पर बड़ी कार्रवाई हुई है, आपकी राय

  • बिलकुल सही कदम-40%
  • स्कूलों पर लगाम ज़रूरी- 25%
  • देश भर में हो एक्शन- 32%
  • कह नहीं सकते- 3%

क्या प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस, किताब, स्टेशनरी और ड्रेस की मनमानी क़ीमतें वसूल की जाती हैं?

  • हाँ – 91%
  • नहीं – 8%
  • कह नहीं सकते- 1%

क्या स्कूलों में किताब-स्टेशनरी-ड्रेस बेचने के नाम पर कमीशनखोरी का गोरखधंधा चल रहा है?

  • हाँ – 76%
  • नहीं – 11%
  • स्कूल-प्रशासन की मिलीभगत- 10%
  • कह नहीं सकते- 3%

क्या स्कूलों में किताब, स्टेशनरी, ड्रेस की बिक्री पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जानी चाहिए ?

  • हाँ- 90%
  • नहीं- 9%
  • कह नहीं सकते- 1%

निजी स्कूलों में मनमानी फ़ीस बढ़ोतरी का असली गुनहगार आप किसे मानते हैं ?

  • स्कूल मैनेजमेंट- 38%
  • शिक्षा माफ़िया-9%
  • शिक्षा विभाग- 15%
  • राज्य सरकार- 34%
  • कह नहीं सकते – 4%

मनमानी फ़ीस वसूली को लेकर जबलपुर में एफआईआर और गिरफ़्तारी वाले एक्शन का असली हीरो किसे मानते हैं?

  • सीएम मोहन लाल यादव-20%
  • डीएन दीपक सक्सेना-15%
  • दोनों सीएम और डीएन- 50%
  • कह नहीं सकते- 15%