भारत के ग्रामीण विकास में डिजिटल क्रांति लाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए कैल्कुलस ग्रुप और HRDS INDIA ने 1000 करोड़ रुपये का मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) साइन किया है। यह साझेदारी एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) संचालित विकास परियोजनाओं के माध्यम से 7 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाएगी।
इस परियोजना का उद्देश्य आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) आधारित बुनियादी ढांचा, स्मार्ट टेक्नोलॉजी समाधान, और डिजिटल सशक्तिकरण के माध्यम से ग्रामीण भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है।
समझौते की प्रमुख बातें
1. एआई आधारित स्वच्छता और आवास विकास
- ग्रामीण समुदायों के लिए स्मार्ट सैनिटरी वेयर समाधान
- टिकाऊ आवास सुविधाओं का निर्माण
2. आईओटी संचालित बुनियादी ढांचा और डिजिटल समाधान
- आईओटी तकनीक के माध्यम से ग्रामीण भारत को जोड़ा जाएगा
- डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान
3. ग्रामीण भारत में सबसे बड़ा एआई आधारित विकास कार्यक्रम
- पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों में एआई और डेटा एनालिटिक्स का बड़े पैमाने पर उपयोग
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को डिजिटली सशक्त बनाने की दिशा में नया कीर्तिमान
ग्रामीण भारत के लिए नई डिजिटल क्रांति
कैल्कुलस ग्रुप के संस्थापक और सीईओ सूरज वासुदेवन ने इस साझेदारी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा: “यह केवल एक व्यावसायिक समझौता नहीं है, बल्कि ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की क्रांति है। हमारा मानना है कि तकनीक केवल एक विशेषाधिकार नहीं बल्कि एक बुनियादी अधिकार होनी चाहिए। एआई और डिजिटल समाधानों के माध्यम से हम भारत के गांवों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्यरत हैं।” उन्होंने आगे कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन 2047 के अनुरूप है, जो भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर और समावेशी राष्ट्र बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है।
समावेशी विकास की दिशा में बड़ा कदम
भारत के विजन 2047 के तहत डिजिटल और तकनीकी विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस साझेदारी के माध्यम से:
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तकनीकी बढ़ावा मिलेगा।
- डिजिटल पहुंच को अधिक समावेशी बनाया जाएगा।
- आईओटी और एआई के माध्यम से टिकाऊ बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा।
तकनीक से होगा ग्रामीण भारत का सशक्तिकरण
इस 1000 करोड़ के ऐतिहासिक समझौते के माध्यम से कैल्कुलस ग्रुप और HRDS INDIA ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे स्मार्ट टेक्नोलॉजी, आईओटी और एआई का उपयोग करके ग्रामीण भारत को बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं।