इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ी है। लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियां की बैटरी को चार्ज करने में लगने वाला समय आज भी कार खरीदारों के सामने चिंता की बात है। लेकिन ये चिंता अब ज्यादा दिन तक नहीं रहेगी। जल्द ही बाजार में आने वाली नई इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी को मात्र पांच मिनट में चार्ज किया जा सकेगा। इजराइल की कंपनी स्टोर डॉट ने आधुनिक तकनीक के तैयार की गई खास तरह की लिथियम आयन बैटरियां पेश की हैं जिन्हें मात्र पांच मिनट में ही चार्ज किया जा सकेगा। आने वाले समय में इस तरह की बैटरियां इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लग कर आ सकती हैं।
Store dot ने हाल ही में फोन, ड्रोन, स्कूटर और कार निमार्ताओं के लिए एक्सट्रीम फास्ट चार्जिंग बैटरियों को पेश किया। कंपनी की ओर से पेश की गई बैटरियों को पांच मिनट में चार्ज किया जा सकता है लेकिन इसके लिए आज इस्तेमाल होने वाले चार्जर की तुलना में कहीं अधिक पावर वाले चार्जर की जरूरत होगी। कंपनी का उद्देश्य है कि 2025 तक इस तरह का चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करें जिसके जरिए इलेक्ट्रिक व्हीकल को पांच मिनट तक चार्ज करने के बाद कम से कम 100 मील सफर किया जा सके। कंपनी पांच मिनट में चार्ज होने वाली बैटरियों के कॉमर्शियल उत्पादन के लिए पूरी तरह से तैयार है। कंपनी के सीईओ, डॉ डोरोन मायर्सडॉर्फ़ के मुताबिक जल्द ही पांच मिनट में चार्ज होने वाली बैटरियां इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उपलब्ध होंगी। कंपनी के वैज्ञानिकों ने कई चुनौतियों को पार करते हुए एक्सट्रीम फास्ट चार्जिंग बैटरियों की सुरक्षा, लाइफ साइकिल, मैटेरियल और सेल डिजाइन को लेकर बेहतरीन काम किया है। उन्होंने बताया कंपनी अब इस बैटरी के कॉमर्शियल उत्पादन करने की स्थिति में है। उन्होंने बताया कि साल के अंत तक कंपनी अपनी सेकेंड जनरेशन सिलिकॉन-डोमिनेंट एनोड प्रोटोटाइप बैटरी को भी बाजार में पेश करेगी।
लिथियम आयन बैटरी को रीसायकल करने वाली कंपनी LOHUM के को फाउंडर जस्टिन लेमौन कहते हैं कि भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में आने वाले समय में देश में गाड़ियों की लिथियम आयन बैटरियों को रीसायकल करना बड़ी चुनौती होगी। एक अनुमान के मुताबिक 2027 तक 200 गीगावाट आवर्स क्षमता की बैटरियां रीसाइक्लिंग के लिए उपलब्ध होंगी। इन बैटरियों को रीसायकल करने का बाजार करीब 11 बिलियन डॉलर का होगा।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रिसर्च एंड एडवोकेसी अनुमिता रॉय चौधरी के मुताबिक भारत में गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदलने की रफ्तार काफी धीमी है। अबतक देश में मौजूद कुल गाड़ियों में मात्र एक फीसदी ही इलेक्ट्रिक गाड़ियां हैं। 2050 तक जीरो एमिशन या carbon neutrality के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 20 देशों ने पहले ही पेट्रोल और डीजल गाड़ियों को सड़क से हटाने के लिए अपने प्लान पेश कर दिए हैं। भारत में 46 फीसदी की दर से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बाजार के बढ़ने पर ही जीरो कार्बन एमीशन के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा।