India News (इंडिया न्यूज़), Flex-Fuel Vehicles: फ्लेक्सी-फ्यूल स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (एफएफवी-एसएचईवी) भविष्य में एक बड़ी भूमिका निभाने जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल अक्टूबर में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाली भारत की पहली कार पेश की थी। आइए जानते हैं ऐसे इंजन कैसे काम करते हैं और इनके क्या फायदे हैं?

फ्लेक्स ईंधन क्या है?

फ्लेक्स ईंधन वाहन 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत बायो-एथेनॉल और उनके मिश्रण के संयोजन पर चलने में सक्षम हैं। यह मूल रूप से एक लचीला ईंधन है, जो वाहन के आंतरिक दहन इंजन (ICE) के अनुकूल है। यह पेट्रोल या डीजल सहित ईंधन के मिश्रण पर चलता है। उत्सर्जन की बात करें तो ये सामान्य पेट्रोल और डीजल इंजन की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं।

फ्लेक्स फ्यूल इंजन कैसे काम करते हैं?

फ्लेक्स-ईंधन इंजन ईंधन मिश्रण सेंसर और इंजन नियंत्रण मॉड्यूल (ईसीएम) प्रोग्रामिंग से लैस हैं। ये मिश्रित ईंधन के किसी भी अनुपात को समायोजित कर सकते हैं। ये इंजन ईंधन पंप और ईंधन इंजेक्शन प्रणाली को समायोजित करने के लिए इथेनॉल-संगत घटकों का उपयोग करते हैं।

देश की पहली फ्लेक्स-फ्यूल इंजन कार

टोयोटा मोटर ने एक पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में कोरोला एल्टिस में एक फ्लेक्स-फ्यूल इंजन स्थापित किया। केंद्र द्वारा गन्ने से प्राप्त ईंधन के मिश्रण को मंजूरी देने के बाद यह भारतीय सड़कों पर इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल पर चलने वाली पहली कार थी। आपको बता दें कि फ्लेक्स-फ्यूल इंजन संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, यूरोपीय संघ और चीन जैसे देशों में पहले से ही काफी लोकप्रिय हैं।