इंडिया न्यूज़, Google Doodle Today: गूगल डूडल ने आज, शनिवार को एक स्लाइड शो के माध्यम से प्रसिद्ध यहूदी जर्मन-डच डायरिस्ट और होलोकॉस्ट पीड़ित ऐनी फ्रैंक को सम्मानित किया है। आज उनकी डायरी के प्रकाशन की 75वीं एनिवर्सरी है, जिसे व्यापक रूप से आधुनिक इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण पुस्तकों में से एक माना जाता है। डूडल के आर्ट डायरेक्टर थोका मायर है जिन्होंने ने 14 स्लाइड्स के ज़रिये ऐनी की कहानी को दर्शाया हैं।
उन स्लाइड्स में ऐनी फ्रैंक की डायरी के वह अंश हैं जिसमे उनके परिवार और दोस्तों ने दो साल से अधिक समय तक जर्मनी में नाजियों को छुपाते हुए क्या अनुभव किया उन सबका वर्णन है। ऐनी फ्रैंक एक छोटी बच्ची थी जब उनके पिता ने उनके 13वें जन्मदिन पर उन्हें एक डायरी उपहार के तौर पर दी थी। जिसमे ऐनी अपना रुटीन लिखा करती थी। तभी उस समय के द्वितीय युद्ध का आँखों देखा हाल भी ऐनी अपनी डायरी में लिखा करती थी।
वह दिन प्रलय के थे ? यह वह दिन थे जब द्वितीय विश्व युद्ध हो रहा था युद्ध से पहले और उसके दौरान यहूदियों पर भीषण अत्याचार किया गया था। जर्मनी ने युद्ध काल के दौरान अपने कब्जे वाले सभी क्षेत्रों में व्यवस्थित रूप से लगभग 6 मिलियन यहूदियों पर अत्याचार किया। साथ ही जिप्सियों, विकलांग लोगों और अन्य लोगों के साथ-साथ यहूदियों, एक अल्पसंख्यक समुदाय को भी निशाना बनाया गया। आइये, आगे इस लेख में जाने सारी डिटेल्स और जानें कौन हैं Anne Frank…
आज का गूगल डूडल स्लाइड शो Anne Frank के जीवन की कुछ सच्ची घटनाओं पर आधारित है। उनकी यह डायरी उनके उस समय के भयानक अनुभव को दर्शाती है। इस डायरी में उनके और उनके परिवार वालों पर दो साल तक हुईं यातनाओं के बारे में दर्शाया गया है।
इस डायरी को ऐनी ने 13-15 साल की आयु के बीच लिखा था। गूगल ने बताया है कि उनके द्वारा लिखी गई यह डायरी आजतक होलोकॉस्ट और युद्ध की घटनाओं के बारे में सबसे व्यापक रूप से पढ़ी जाने वाली डायरियों में से एक है।
आपको यह भी बता दे डूडल का यह आर्ट डायरेक्टर Thoka Maer द्वारा बनाया गया है जिसमे उन्होंने 14 स्लाइड्स में Anne की डायरी के रियल हिस्सों को दिखाया। इन स्लाइड्स में उन्होंने ने यह बता दिया कि उन्होंने, उनके दोस्तों और परिवार ने दो साल से अधिक समय तक क्या-क्या सहा और क्या अनुभव किया है।
आज उनकी डायरी के प्रकाशन की 75वीं एनिवर्सरी है। इसका मतलब है कि आज उनकी डायरी को छपे हुए 75 साल हो गए हैं। इसे व्यापक रूप से आधुनिक इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण किताबों में से एक माना जाता है।
ऐनी फ्रैंक का जन्म 12 जून, 1929 को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में हुआ था। जब वह 4 साल की थी तो जर्मन पर नाजियों का शासन हो गया था। भेदभाव और हिंसा से बचने के लिए ऐनी का परिवार नीदरलैंड चला गया। जब ऐनी 10 साल की थी, तब द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई और इसके तुरंत बाद जर्मनी ने नीदरलैंड पर आक्रमण कर दिया।
यहूदी लोगों को विशेष रूप से नाजी शासन द्वारा लक्षित किया गया था। 4 अगस्त, 1944 को फ्रैंक परिवार को नाजी सीक्रेट सर्विस ने पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें एक निरोध केंद्र में ले जाया गया। यहां उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए मजबूर किया गया।
फिर उन्हें पोलैंड में ऑशविट्ज एकाग्रता शिविर में भेज दिया गया। कुछ महीने बाद ऐनी और मार्गोट फ्रैंक को जर्मनी के बर्गन-बेल्सन एकाग्रता शिविर में ले जाया गया। नाजी बलों द्वारा कैदियों की क्रूर हत्याएं की गईं। साथ ही घातक बीमारियां भी तेजी से फैलने लगीं। इन सब से जूझते हुए अंत में ऐनी और मार्गोट ने दम तोड़ दिया।
यह डायरी ऐनी ने 13-15 साल की आयु में लिखी थी। इसका नाम “द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल” रखा गया था। इसे आमतौर पर द डायरी ऑफ ऐनी फ्रैंक के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दे ऐनी फ्रैंक अपनी डायरी को एक आम डायरी नहीं बल्कि अपनी एक दोस्त की तरह मानती थी क्योकि उस समय उसके पास सिर्फ यही एक सहारा था जिसके ज़रिये वह अपना सारा दुख दर्द बाँट लेती थी और अपनी उस डायरी में उन सभी घटनाओं के बारे में लिख लेती थी, जो उनके जीवनी में घट थी।
ये भी पढ़े : स्नैपड्रैगन 8cx Gen 2 के साथ Xiaomi Book S 2-in-1 लैपटॉप लॉन्च, जानिए फीचर्स और कीमत
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Maharashtra Assembly Election Result: महाराष्ट्र के 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को चुनाव संपन्न…
India News (इंडिया न्यूज), Bihar Bypolls Result 2024: बिहार में हुए चार विधानसभा सीटों के…
Mahabharat Facts: महाभारत हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ ही नहीं बल्कि एक महाकाव्य भी है।…
Jharkhand Assembly Election Result: झारखंड में 81 विधानसभा सीटों पर दो चरण में मतदान संपन्न…
Maharashtra-Jharkhand Election Result Live: महाराष्ट्र और झारखंड में मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है।…
Kalashtami Katha 2024: हिंदू धर्म में दीर्घायु का दिन शक्ति और साहस का प्रतीक है।…