Havana Syndrome
अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अधिकारी चिंता में (Havana Syndrome)
एक तरफ जहां कोरोना के लगातार आ रहे मामले चिंता का विषय बने हुए हैं। उसकी साथ एक नई रहस्यमयी बीमारी ने भारत में दस्तक दी है। जिसमें मरीज को मिचली, तेज सिरदर्द, थकान, चक्कर आने जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं कई बार तो व्यक्ति को ठीक से सुनाई न देने, याददाश्त की दिक्कत, तेज आवाज सुनाई देने की भी शिकायत हो सकती है।
यह सिंड्रोम हाल के दिनों में भारत आए सीआइए डायरेक्टर बिल बर्न्स की टीम के एक मेंबर को हुआ था। डायरेक्टर बिल बर्न्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि तकरीबन 200 से ज्यादा अधिकारी इस सिंड्रोम से पीड़ित हैं। जोकि चिंता का विषय है। वहीं ऐसा भी पता चला है कि पिछले महीने उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को वियतनाम यात्रा में जाने के लिए इन्हीं कारणों से देरी हुई थी। वियतनाम की राजधानी हनोई में इस सिंड्रोम से पीड़ित लोग मिले थे। जिस कारण उनकी वियतनाम जाने वाली उड़ान में देरी हुई थी।
5 साल पहले मिला था पहला केस (Havana Syndrome)
क्यूबा की राजधानी हवाना में 5 साल पहले सिंड्रोम का पहला केस मिला था। हुआ यूं था कि अमेरिकी दूतावास में कार्यरत अधिकारी बीमार पड़ने लगे। वहीं जब मरीजों का चेकअप किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें अजीब सी आवाजें सुनाई देती हैं और और उनके शरीर में अजीब से बदलाव आ रहे हैं। जिसके बाद डॉक्टर्स ने इस रहस्यमयी बीमारी को हवाना सिंड्रोम का नाम दिया। पहले तो उच्च अधिकारियों ने इस बात को दबाकर रखा लेकिन मामले बढ़ने के साथ तरह-तरह की अफवाहें फैलने लगी। जिसके बाद 200 अमेरिकी अधिकारी इस बीमारी के शिकार पाए गए और तब इस बारे में खुलासा हुआ।
कई देशों में मिल चुके हैं सिंड्रोम मे मामले (Havana Syndrome)
सूत्रों के अनुसार हवाना सिंड्रोम’ के मामले क्यूबा के बाद जर्मन, चीन, ताईवान, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया में मिल चुके हैं। भारत में यह अपनी तरह का पहला मामला है जो चर्चा में आया।
कई लोग लंबे समय तक बीमारी से जूझे (Havana Syndrome)
इस अजीब बीमार से प्रभावित कुछ मरीज तो स्वयं ठीक हो गए लेकिन कई लंबे समय तक प्रभावित रहे। 2020 के आखिर में अमेरिकी नेशनल एकेडमिक्स आफ साइंसेज ने बताया कि उनके अनुसार हवाना सिंड्रोम का कारण डायरेक्टेड माइक्रोवेव रेडिएशन है।
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