इंडिया न्यूज (Features of E-Book in Paper Book)
आज का समय आधुनिक टेक्नोलॉजी का दौर चल रहा है। इलेक्ट्रिक सामानों की मांग ज्यादा बढ़ गई है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी किताब का निर्माण किया है जो आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है। यह प्रयास ऑगमेंटेड रियलिटी से इंग्लैंड की सर्रे यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की ओर से किया गया है। बता दें ये किताब मोबाइल, कंप्यूटर या स्मार्ट टीवी से कनेक्ट हो सकती है। इसमें अंगुलियों से हाइलाइट कर इंटरलिंक सूचनाओं तक पहुंच सकते हैं। कहते हैं कि इस किताब में ईबुक जैसी सारी खूबियां हैं। तो आइए जानते हैं इसके बारे में।
ईबुक क्या है?
ईबुक एक नॉन एडिटेबल यानी गैर संपादन योग्य पुस्तक है जिसे किसी भी डिजिटल डिवाइस जैसे कंप्यूटर स्क्रीन या मोबाइल डिवाइस पर पढ़ने के लिए डिजिटल प्रारूप में परिवर्तित किया जाता है।
ईबुक की विशेषताएं?
शुरूआत के लिए ईबुक ऐसी फाइलें हैं जिन्हें आप डिजिटल डिवाइस पर पढ़ सकते हैं। एक टैबलेट, स्मार्टफोन, कंप्यूटर इत्यादि। लेकिन फिर से, अन्य फाइलों को डिजिटल डिवाइस (यानी शब्द दस्तावेज) पर पढ़ा जा सकता है। ईबुक में विशिष्ट विशेषताएं होती हैं जो उन्हें अलग करती हैं।
किताब में क्या हैं खूबियां?
बताया जाता है कि इस किताब में इस तरह की स्याही का इस्तेमाल किया गया है। जो पन्ना पलटते एक्टीवेट हो जाएगी। इसे पढ़ने के लिए बाहरी रोशनी की जरूरत नहीं होगी। रोशनी के लिए किताब के पन्नों के बीच में सोलर पैनल लगाया जा रहा है। हालांकि किताब में अभी आॅक्सीजन और नमी से बचाव का इंतजाम नहीं है। पन्नों के बीच मैजिक बुकमार्क लगाते ही किताब के सारे फंक्शन काम करना शुरू कर देंगे।
- इस ई-बुक का तीसरा जनरेशन लॉन्च हो चुका है, लेकिन ऐसे पेज बनाने पर काम चल रहा है जिसकी मोटाई ज्यादा न हो। यूनिवर्सिटी में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के लेक्चरर मुताबिक ट्रैवल गाइड्स और कोर्स की किताबों को ध्यान में रखकर आॅगमेंटेड रियलिटी आधारित किताब पर शोध किया जा रहा है। उपन्यास और कहानियों की किताबों के लिए भी ये कारगर होगा। ये सभी फीचर ई-बुक्स में तो हैं हीं। चुनौती ये थी कि इन फीचर्स को कागज की किताबों पर उपलब्ध करा पाएं।
कब होगा किताब का प्रदर्शन
इस ई-बुक क्लाइमेट डूम्स डे का इस साल ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया में प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें वीडियो और ऑडियो नजदीकी स्क्रीन पर प्ले हो रहे होंगे। करीब साढ़े 8 करोड़ रुपए की सरकारी फंडिंग से यूनिवर्सिटी इस किताब पर ये शोध कर रही है।