इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
भारी कर्ज में डूबी Vodafone Idea की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक के कड़े नियमों के बावजूद जालसाज ठगी का कोई न कोई तरीका खोज ही लेते हैं। अब डुप्लिकेट सिम के जरिए ऑनलाइन फ्रॉड का मामला सामने आया है। राजस्थान के आईटी विभाग ने उसे डुप्लिकेट सिम के कारण ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए एक कस्टमर को 27.5 लाख रुपये का पेमेंट करने को कहा है। इसमें 2.31 लाख रुपये का ब्याज शामिल है। अगर कंपनी एक महीने के भीतर भुगतान नहीं करती है तो उस पर 10 फीसदी ब्याज लगाया जाएगा
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जानिए पूरा मामला
- दरअसल दूरसंचार कंपनी ने ग्राहक के दस्तावेजों की वेरिफिकेशन के बिना ही उसे डुप्लीकेट सिम कार्ड जारी कर दिया और इसके जरिए जालसाज ने ग्राहक के बैंक खाते से 68.5 लाख रुपये उड़ा लिए। कंपनी ने भानु प्रताप नाम के व्यक्ति को डुप्लिकेट सिम जारी किया था, जो किसी और व्यक्ति था। प्रताप ने ग्राहक के आईडीबीआई बैंक अकाउंट से 68.5 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर दिए। हालांकि बाद में उसने 44 लाख रुपये पीड़ित को लौटा दिए थे। बाकी की राशि का भुगतान अभी नहीं हुआ।
- 25 मई 2017 को कृष्ण लाल नैन का वोडाफोन आइडिया मोबाइल नंबर काम करना बंद कर दिया था। तब उन्होंने कंपनी के स्टोर में इसकी शिकायत की थी और उन्हें नया नंबर मिल गया था। उनके शिकायत करने के बाद भी नंबर एक्टिवेट नहीं हुआ। फिर वह जयपुर में वोडाफोन आइडिया के एक स्टोर में गए और उसके अगले ही दिन उनका सिम चालू हो गया। लेकिन तब तक ओटीपी के जरिए उनके आईडीबीआई खाते से 68.5 लाख रुपये उड़ गए थे।
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