India News (इंडिया न्यूज), Water RO: हम आज ऐसे युग में रह रहे हैं जहां हवा से लेकर पानी सब प्रदूषित है। हम प्रदूषण पर तेजी से नियंत्रण कब तक कर पाएंगे ये कोई नहीं जानता है। लेकिन तब तक लोग अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए कई तरीके अपना रहे हैं। जैसे जहरीली हवा से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल, घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल, तो वहीं प्रदूषित पानी से बचने के लिए पानी को शुद्ध बनाने वाले RO का इस्तेमाल। गौर करेंगे तो आज आप किसी के भी घर में चले जाएं वहां आपको अलग- अलग कंपनी के RO जरूर दिख जाएगा। अगर आपके पास भी है ये वॉटर प्यूरीफायर तो आपको उससे संबंधित कुछ बातों के बारे में जान लेना चाहिए। जैसे कि इसमें सबसे अहम होता है फिल्टर। जिसे समय- समय पर चेंज करना जरूरी है या नहीं, अगर है तो कितने समय पर, इन सभी सवालों का जवाब जानेंगे हम इस आर्टिकल में।
क्या है RO
RO (Reverse Osmosis) एक वाटर प्यूरीफायर है। इसमें पानी के दबाव को बढ़ाने के लिए पानी पंप से होकर गुजरता है। फिर आरओ मेम्ब्रेन से उस दबाव वाले पानी को पास किया जाता है। इससे पानी में मौजूद ठोस पदार्थ और टीडीएस खत्म हो जाते हैं। RO में पानी को साफ बनाने के लिए कई फिल्टर, मेमरेन और यूवी लाइट का इस्तेमाल होता है। जब पानी इन तीनों से होकर गुजरता है तो ही वह पीने योग्य बनता है।
RO में फिल्टर
- RO में तीन फिल्टर होते है।
- फिल्टर पानी में से धूल-धकड़ अलग करने में मदद करते हैं।
- RO के बाहर जहां पानी का कनेक्शन होता है, वहां एक सिलेंडर नुमा पार्ट रहता है। इसके अंदर पहला फिल्टर होता है।
- बाहर वाले इस फिल्टर को तीन महीने में बदला जाता है।
- पानी को रिफाइन करने के लिए दो और फिल्टर दिए होते हैं।
Membrane का काम
- RO में इन फिल्टर के अलावा Membrane भी दिए गए होते है।
- RO में बहुत बारीक फिल्टर होते हैं।
- ये बारीक फिल्टर खारे पानी में से नमक को अलग करके पानी को मीठा बना देते हैं।
- Membrane आरओ में करीब एक साल तक सही से काम करता है।
- जब आरओ की Membrane खराब होती है, तो पानी का स्वाद बदलना शुरू हो जाता है।
- RO की Membrane को 8 से 12 महीने के बीच में चेंज करना चाहिए।
ये मशीन हैं जो कि हम इंसानों से काफी हद तक मिलते जुलते हैं ये हमारा ख्याल रखें इसके लिए हमें भी उनका ख्याल रखना होगा।