India News (इंडिया न्यूज), UPI Down In India : सोमवार शाम को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में देशभर में बड़ी रुकावट आई, जिससे लाखों लोग Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे प्लैटफ़ॉर्म पर लेन-देन पूरा नहीं कर पाए। इस रुकावट की वजह से यूज़र और मर्चेंट दोनों को ही काफ़ी असुविधा हुई, जिससे निराशा हुई और ऑनलाइन शिकायतों की बाढ़ आ गई।
यूपीआई के कई प्रमुख ऐप में भुगतान में विफलता की रिपोर्ट मिली, जिसमें यूज़र को बार-बार त्रुटि संदेश और भुगतान के असफल प्रयास देखने को मिले। उदाहरण के लिए, पेटीएम पर कई यूज़र ने एक पॉप-अप संदेश देखा, जिसमें लिखा था, “यूपीआई ऐप में कुछ समस्याएँ आ रही हैं।” इस रुकावट की वजह से एक महीने से भी कम समय में यूपीआई में तीसरी बड़ी रुकावट आई, जिससे दुनिया की सबसे बड़ी रीयल-टाइम भुगतान प्रणालियों में से एक की स्थिरता को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।
UPI Down (यूपीआई हुआ डाउन)
सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म पर जल्द ही यूज़र द्वारा भुगतान संबंधी समस्याओं की रिपोर्ट आने लगीं, जबकि डाउनडिटेक्टर – एक वेबसाइट जो रुकावटों को ट्रैक करती है – पर यूपीआई सेवाओं से जुड़ी समस्या रिपोर्ट में उछाल आया, जो तकनीकी गड़बड़ी की सीमा को दर्शाता है।
यह व्यवधान ऐसे समय में आया है जब भारत में UPI का इस्तेमाल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। मार्च में UPI से 18.30 बिलियन ट्रांजेक्शन हुए, जो फरवरी के 16.11 बिलियन से 5 प्रतिशत कम है। इन ट्रांजेक्शन की वैल्यू में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई, मार्च में कुल 24.77 लाख करोड़ रुपये दर्ज किए गए, जो फरवरी के 21.96 लाख करोड़ रुपये से 12.8 प्रतिशत अधिक है।
किराने के सामान से लेकर कैब किराए तक के रोजमर्रा के भुगतान में UPI के गहन एकीकरण को देखते हुए, सिस्टम में किसी भी तरह की खराबी को लाखों लोग तुरंत महसूस करते हैं। डिजिटल भुगतान पर बढ़ती निर्भरता के साथ, इस तरह की रुकावटें उपभोक्ता के भरोसे और वित्तीय विश्वसनीयता के लिए एक गंभीर चुनौती बन जाती हैं।
जैसे-जैसे भारत डिजिटल वित्त के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है, बार-बार होने वाली यूपीआई रुकावटें खतरे की घंटी बजा रही हैं। ऐसे महत्वपूर्ण भुगतान बुनियादी ढांचे की विश्वसनीयता और लचीलापन सुनिश्चित करना अब पहले से कहीं अधिक जरूरी है।
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