India News (इंडिया न्यूज़),Seized Vehicles, दिल्ली: कई बार हम देखते है की कई एजेंसियां कारे या मोटरसाइकिल जब्त कर लेती है। हर आदमी के मन में सवाल रहता है की एजेंसियां इसका क्या करती होंगी और अगर कोई जब्त गाड़ियों (Seized Vehicles) को लेने नहीं आए फिर? ईडी ने हाल ही में दिल्ली और गुरुग्राम में छापे के दौरान 17 लग्जरी कारें जब्त की जिनकी कीमत 60 करोड़ के आसपास है।
- जब्ती का कारण होना चाहिए
- पुलिस एक खास जगह पर रखती है
- आप कोर्ट जा सकते है
अपने देश में जब कोई भी गाड़ी जब्त की जाती है तब उसे पुलिस इम्पाउंड लॉट में ले जाया जाता है। आप इस जगह को गाड़ी के गोदाम की तरह समझ सकते है। गाड़ी के मालिक तय जुर्माना या जमानत नहीं देकर उसे छुड़ा सकते है। अगर कोई तय समय पर गाड़ी नहीं ले जाता तो फिर इसे नीलाम कर दिया जाता है।
कारण होना चाहिए
गाड़ी सीज करने के लिए पुलिस या अन्य सरकारी एजेंसी के पास ठोस वजह होनी चाहिए। सीज करने की लिखित जानकारी गाड़ी के मालिक को दी जाती है। गाड़ी का मालिक जब्ती के खिलाफ अदालत भी जा सकता है।
अदालत फैसला देने से पहले इन बातों का ध्यान रखती है-
- जब्ती का कारण
- गाड़ी के मालिक ने कानून का पालन किया गया नहीं
- मालिक की जुर्माना या जमानत देने की फाइनेंशियल कंडीशन देखी जाती है
- पब्लिक इंटरेस्ट
- अगर कोर्ट गाड़ी को छोड़ने का आदेश देती है, तो पुलिस को गाड़ी मालिक को वापस देनी होगी
- कुछ केस में गाड़ी खड़ी रहने के लिए मालिक को कुछ फीस का भुगतान करना पड़ सकता है
गाड़ी की नीलामी
पकड़ी हुई गाड़ियों का जुर्माना अगर नहीं दिया जाता तो पुलिस एक समय सीमा के बाद उसे नीलाम कर देती है। नीलामी के लिए खुला निमंत्रण दिया जाता है। कोई भी व्यक्ति जाकर नीलामी में गाड़ी खरीद सकता है।
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