India News (इंडिया न्यूज), AI: जब से एआई मार्केट में आया है तब से लगातार ये बहस हो रही है। क्या इसकी वजह से लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ेगा। इस पर अब इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख का बयान सामने आया है। उन्होंने कुछ ऐसा कहा है, जिससे कामकाजी लोग राहत महसूस करेंगे। उन्होंने कहा कि जनरेटिव यानी सृजन से जुड़े आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में ग्राहकों की गहरी दिलचस्पी है। कंपनी में भी इसकी भारी मांग है। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें इस नई तकनीक की वजह से उनकी कंपनी में किसी की नौकरी जाती हुई नहीं दिख रही है। 

कर्मचारियों को ट्रेंनिंग देना शुरू करेगा इंफोसिस

इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख ने कहा कि अगर इनसे ग्राहकों को लाभ होगा तो अधिक से अधिक लोग इसे अपनाएंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि अपने भारतीय और वैश्विक कंपनियों की तरह इंफोसिस भी एआई में अपनी स्थिति मजबूत कर रही है। इस साल की शुरुआत में इंफोसिस ने कहा था कि वो ग्राहकों के लिए 225 जनरेटिव एआई कार्यक्रमों पर काम कर रही है और जनरेटिव एआई  के क्षेत्रों में 2.5 लाख कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है।

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नौकरी जाने के सवाल पर क्या बोले सलिल पारेख

इंफोसिस के सीईओ ने कहा कि उनकी कंपनी में एआई की वजह से किसी की भी नौकरी नहीं जा रही है। बल्कि हम अभी नई हायरिंग भी करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि एआई की डिमांड बढ़ी है, लेकिन हमारी कंपनी इसके लिए तैयार है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लॉन्च होने के बाद से कंपनियां लगातार इसे अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। आम लोगों की भी इसमें दिलचस्पी देखने को मिल रही है। एआई कंटेंट राइटिंग से लेकर सब कुछ कर लेता है। ऐसे में काम करने वाले लोगों को ये चिंता सताने लगी है कि कहीं उनकी नौकरी न चली जाए और वो बेरोजगार हो जाए। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां इसे अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

ऐसे ही सवाल तब भी उठे थे जब रोबोट का ईजाद हुआ था। हालांकि जब-जब दुनिया में नई तकनीक का ईजाद होता है तो लोगों को इस तरह का डर सताना लाजमी हो जाता है। लेकिन फिर बदलते वक्त के साथ इसे अपनाकर कर्मचारी अपने करियर में लंबी उछाल पाते हैं। अगर आपको भी एआई से डर लगता है तो इसे डरना बंद कर दीजिए।

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