India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार विधान मंडल में 85वां पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया, जिसमें देशभर के 23 विधानमंडलों के 41 पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का मुख्य एजेंडा था भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ और संविधान की ताकत को सशक्त बनाने में संसद और राज्य विधायी निकायों के योगदान पर विचार-विमर्श।
संकल्पों का ऐतिहासिक एजेंडा
सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण संकल्प लिए गए, जिनका असर देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर पड़ेगा। सबसे पहले, पीठासीन अधिकारियों ने भारतीय संविधान के निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों और सामूहिक जन कल्याण के सिद्धांतों को और मजबूत करने का संकल्प लिया। इसके बाद, संविधान के 75 वर्षों की यात्रा को और सशक्त बनाने के लिए हर राज्य के सदन को एक मंच पर लाने का लक्ष्य तय किया गया। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लिया जाएगा, ताकि देशभर के लोग विधायिका की कार्यप्रणाली को आसानी से देख सकें।
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संविधान के मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प
सम्मेलन में एक और अहम संकल्प लिया गया कि संविधान के मूल्यों को पंचायती राज, शहरी निकायों, सहकारी संस्थाओं, और अन्य सामाजिक क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान चलाया जाएगा। इस प्रयास से संवैधानिक मूल्यों की जड़ें समाज के विभिन्न वर्गों में गहरी होंगी और यह शासकीय व्यवस्था मजबूत बनेगी।
विधायिकाओं में बेहतर कार्यप्रणाली और डिजिटल टेक्नोलॉजी
साथ ही, पीठासीन अधिकारियों ने विधायिका में पारदर्शिता और बेहतर कार्यप्रणाली के लिए डिजिटल तकनीकों और AI का उपयोग करने की प्रतिबद्धता जताई। इससे न केवल कामकाजी प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि आम जनता को भी प्रभावी तरीके से सेवाएं मिल सकेंगी। इस सम्मेलन ने बिहार सहित पूरे देश में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को और दृढ़ किया है, जो भारतीय संसदीय व्यवस्था को नई दिशा दे सकता है।