-यह उपमा देकर जज ने किशोर को कर दिया रिहा
इंडिया न्यूज, नालंदा
Amazing News: मिठाई और मोबाइल चोरी मामले में किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी ने एक अहम फैसला सुनाते हुए महज 15 दिनों में एक किशोर को आरोपों से बरी कर रिहा कर दिया। साथ ही कोर्ट ने आरा के जिला बाल संरक्षण इकाई को इस बालक को उचित देखभाल करने की निर्देश दिया है। (Amazing News) न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने मिठाई चोरी पर कहा कि माखन चोरी बाल लीला तो मिठाई चोरी अपराध कैसे हुआ? मामले में केस दर्ज करनेवाले चेरो ओपी थानाध्यक्ष को चेतावनी देते हुए कहा कि छोटे-मोटे अपराध में किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से बचें। उसे समाज के मुख्यधारा में लाने की प्रयास करें। किशोर पर केस दर्ज करने वाली महिला को भी बच्चों के प्रति सहिष्णु और सहनशीलता बनने की नसीहत देते हुए जज ने कहा कि उसका अपना बेटा अगर मिठाई, पैसे, मोबाइल चुराता तो वह क्या उसे भी पुलिस को सौंप देती, या फिर उसे समझाती?
बताया जाता है कि आरोपी किशोर आरा जिले के एक गांव का रहने वाला है। वह घटना समय अपने ननिहाल हरनौत प्रखंड क्षेत्र के एक गांव आया हुआ था। किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने मामले की सुनवाई की और किशोर से पूरे मामले पर पूछताछ की। इस दौरान किशोर काफी डरा हुआ था। जब उसे समझाया गया तो वह फफक-फफक कर रोने लगा और आपबीती सुनाते हुए अपने परिवार की स्थिति बयां की। नालंदा व्यवहार न्यायालय के जज मानवेंद्र मिश्रा ने मिठाई चोरी के आरोपी किशोर को रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही केस दर्ज करने वाले दारोगा को नसीहत दी कि बच्चों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करें न कि छोटे-मोटे अपराधों में उन्हें अभियुक्त बनाएं।