India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीतामढ़ी सदर अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। अस्पताल में इलाज कराने आए एक मरीज को पैर की चोट पर हाथ का एक्स-रे कराने का निर्देश दिया गया, जिससे मरीज और उसके परिजनों में हड़कंप मच गया।
कैसे हुआ मामले का खुलासा
मामला तब शुरू हुआ जब बसबरिया गांव के रंजन सिंह वाहन चलाने के दौरान पैर में चोट लगने पर दर्द से कराहते हुए अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी वार्ड में मौजूद डॉक्टर ने उनकी जांच के बाद पर्चे में हाथ का एक्स-रे कराने का निर्देश लिख दिया। जब मरीज एक्स-रे कराने पहुंचा तो उसे डॉक्टर की इस चौंकाने वाली गलती के बारे में पता चला। परेशान मरीज ने पैर का एक्स-रे कराने की बात कही, लेकिन स्टाफ ने पर्चे का हवाला देते हुए कहा कि डॉक्टर ने हाथ का एक्स-रे ही लिखा है। इससे मरीज और उसके परिजनों की परेशानी और बढ़ गई।
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प्रबंधक के हस्तक्षेप से हुआ सुधार
मरीज ने अस्पताल प्रबंधक से शिकायत की, जिसके बाद प्रबंधक ने तुरंत निर्देश देकर पैर का एक्स-रे कराने की प्रक्रिया शुरू करवाई। हालांकि, इस लापरवाही ने मरीज और उनके परिजनों को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान कर दिया।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना के बाद सदर अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही की चर्चा तेज हो गई। लोगों ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर इमरजेंसी मामलों में ही ऐसी लापरवाही हो रही है, तो आम मरीजों का क्या हाल होगा। बिहार के स्वास्थ्य विभाग में इस तरह की लापरवाहियों के कारण लोगों का सरकारी अस्पतालों से विश्वास उठता जा रहा है। सवाल यह है कि आखिर कब तक मरीज ऐसी दुर्व्यवस्थाओं का शिकार होते रहेंगे?