India News(इंडिया न्यूज), Bihar: बिहार में एक से बढ़कर संकट आते ही जा रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं मोतिहारी पुल के ध्वस्त होने की। इससे पहले अररिया और सिवान में भी कुछ समय पहले पुल ढह गए थे और अब मोतिहारी में इसका उदाहरण देखने को मिला। इस आपदा के बाद ग्रामीण लोग काफी परेशान हो चुके हैं वहीं लगातार राज्य सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।
मोतिहारी में भी ढहा पुल
जानकारी के मुताबिक, अररिया में ढहे पुल की तरह मोतिहारी में ढहा पुल भी निर्माणाधीन था। पुल का ज्यादातर हिस्सा बनकर तैयार हो गया था, लेकिन रविवार को यह पुल ढह गया। अररिया के घोड़ासहन में ढहा निर्माणाधीन पुल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रहा था और मोतिहारी में ढहा यह निर्माणाधीन पुल भी धीरेंद्र कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ही बना रही थी। अररिया के सिकटी इलाके में बकरा नदी पर बना पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गया। इसके बाद आम लोगों के अंदर काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
अररिया और सिवान में भी बहा पुल
आपको बता दें कि सात करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बने इस पुल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया था। पहले वाले पुल का एप्रोच कटने के बाद इस पुल का निर्माण किया गया था लेकिन यह पुल बनते ही ढह गया। अररिया में पुल ढहने के बाद शनिवार 22 जून को सिवान जिले के महाराजगंज में पटेढ़ा गांव स्थित नहर पर बना पुल अचानक ढह गया, जिससे आसपास के दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया। बताया जा रहा है कि यह पुल काफी पुराना था और मिट्टी के कटाव के कारण ढह गया। ये केवल पुल नहीं बल्कि ग्रामीण लोगों के सपने हैं जो जमीन के अंदर ढह रहे हैं जिसके बाद आम लोगों के कार्यों में बाधा आ रही है।
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टूटा नीतीश का सपना
इससे पहले उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने की बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 1710.77 करोड़ रुपये की लागत से अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर चार लेन का पुल बनाया जा रहा था, जो 4 जून को ढह गया था। इससे काफी आशाएं लोग और सीएम नीतीश कुमार भी लगाकर बैठे थे।