India News Bihar (इंडिया न्यूज़),Bihar Car Registration: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक की गयी। जिसमे 31 एजेंडों पर मुहर लगायी गयी है। और अब इसी क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा वाहनों पर लगने वाले रजिस्ट्रेशन शुल्क को कम करने का फैसला कर लिया गया है। तो वहीं, परिवहन विभाग के द्वारा मोटर वाहन नियमावली 1992 के अनुसार नियम 74 और 82 में ये संशोधन किया गया है।

पहले कितना लगता था रजिस्ट्रेशन शुल्क

कैबिनेट सचिव सिद्धार्थ ने बताया कि पहले बाइक रजिस्ट्रेशन के लिए करीब 1650 रुपये लगते थे। और अब ये घटकर 1150 रुपये हो गए है। ऑटो रिक्शा और उससे ऊपर अधिक राशि वाले बड़े गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में भी कमी की गई है। तो वहीं, रोपर्ट के मुताबिक जहां पहले ऑटो रिक्शा में रजिस्ट्रेशन शुल्क 5650 लगता था वो अब घटकर 1150 रुपया हो गे है। वहीं जहां, मोटर कैब यानी कार या पैसेंजर ढोने वाली गाड़ी जैसे विंगर, मैक्सी इत्यादि जो 5 सीट से लेकर 13 सीट की क्षमता वाले हैं जिनका रजिस्ट्रेशन शुल्क पहले 23,650 था तो वो अब घटकर 4,150 हो गया है।

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इस फैसले से होंगे ये फायदे

तो वहीं, इसी तरह दूसरी गाड़ियों के भी रजिस्ट्रेशन शुल्क में काफी कमी देखि गई है। अगर कहा जाए 60 से 70 फीसदी शुल्क में कमी हुई है तो ये गलत नहीं होगा। वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक यानी माना जाए तो 10 लाख की गाड़ी पर जहां पहले 23 से लेकर 30 हजार तक लग जाते थे तो वहीं अब ये सिर्फ पांच से सात हजार में हो जाएगा। खबरों के मुताबिक, ये सभी शुल्क का संशोधन पूरे बिहार के लिए किया गया है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय के पीछे असल वजह ये है की बिहार में ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां खरीदे जाएं। क्योंकि अभी बिहार में जो रजिस्ट्रेशन शुल्क लग रहे है वह दूसरे राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा है। जिसकी वजह से कई लोग बिहार से बाहर जाकर गाड़ी खरीदने लगते हैं।

लोग दूसरे राज्य से करवाते रजिस्ट्रेशन

तो वहीं, अब ऐसे में माना जा रहा है कि जो लोग बाहर जाकर खरीद लेते थे वह लोग अब प्रदेश से ही गाड़ी खरीदेंगे। जिससे प्रदेश सरकार के रेवेन्यू में काफी ज्यादा वृद्धि होगी। बिहार सरकार के इस फैसले से वाहन विक्रेता और वाहन डीलरों में खुशी की लहर दौर उठी है। तो वहीं, पटना के एक बड़े वाहन डीलर नितिन कुमार ने बताया कि बिहार में अभी गाडी खरीदे तो जा रहे थे मगर उसका रजिस्ट्रेशन अधिकतर झारखंड, उत्तर प्रदेश या तो पश्चिम बंगाल से किया जा रहा था। इसकी सबसे बड़ी वजह यही है की इन राज्यों में बिहार की अपेक्षा में वहां रजिस्ट्रेशन शुल्क 10 से 15 फीसद कम लगते है।

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