India News Bihar (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार में एक बार फिर से त्योहारों को लेकर छुट्टियों का विवाद शुरू हो गया है। ऐसे में, दिवाली और छठ महापर्व की छुट्टियों को लेकर शिक्षा विभाग के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। 31 अक्टूबर को दिवाली की छुट्टी दी गई है, जबकि छठ पूजा के लिए 7, 8, और 9 नवंबर को छुट्टियां घोषित की गई हैं। लेकिन नहाय खाय और खरना के दिन स्कूल खुले रहेंगे, जिस पर कई लोगों ने आपत्ति जताई है।

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शिक्षक संघों ने उठाया सवाल

इस फैसले को लेकर काफी चर्चा हो रही है। शिक्षा संगठनों ने भी इसका विरोध किया है। बता दें कि, उनका कहना है कि पहले धन्तेरस के बाद से छुट्टियां मिलती थीं, लेकिन इस बार बदलाव के कारण कई सवाल खड़े हो रहे हैं। शिक्षा संगठनों का तर्क है कि शिक्षा विभाग में अधिकतर महिलाएं शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं, जो छठ पूजा भी करती हैं। ऐसे में सिर्फ एक या दो दिन की छुट्टी में वे पर्व को सही से कैसे मना पाएंगी? छठ पूजा का पर्व 5 से 8 नवंबर तक है, और इस दौरान नहाय खाय, खरना, और डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य देने की रस्में होती हैं। लेकिन नहाय खाय और खरना के दिन छुट्टी नहीं दिए जाने से शिक्षकों और अभिभावकों में नाराजगी है।

राजनीतिक बयानबाजी शुरू

इस मुद्दे पर चर्चा जारी है, लेकिन फिलहाल घोषित की गई छुट्टियों को ही मान्य माना जा रहा है। इस बीच, कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी छिड़ गई है। कांग्रेस नेता राजेश राठौर ने सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार जनता के त्योहारों के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि छठ पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार पर समुचित छुट्टियां दी जाएं। फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक अपडेट नहीं आया है।

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