India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार में कुख्यात शटरकटवा गिरोह के सरगना समीर शाह उर्फ चेलवा और सलमान शाह उर्फ बेलवा को 14 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। जानकारी के अनुसार, एनडीपीएस कोर्ट-2 के विशेष न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी ने चरस तस्करी के मामले में दोषी पाते हुए दोनों को एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा भी दी है। बता दें, जुर्माना नहीं देने की स्थिति में छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
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देशभर में फैला था इनका आतंक
बताया गया है की चेलवा-बेलवा का गिरोह शटरकटवा गैंग के नाम से कुख्यात था, जिसके करीब 200 सक्रिय सदस्य बताए जाते हैं। देखा जाए तो, यह गिरोह देश के कई राज्यों में सोना-चांदी, घड़ियां, लैपटॉप और अन्य कीमती सामान चुराने की वारदातों को अंजाम देता था। पुलिस के अनुसार, गिरोह के सदस्य लोहे की रॉड और जैक की मदद से दुकानों और शोरूम के शटर तोड़कर चोरी करते थे। इतना ही नहीं, चेलवा-बेलवा का अपराध क्षेत्र पूर्वी चंपारण का घोड़ासहन थाना क्षेत्र था, जो भारत-नेपाल सीमा से सटा हुआ है। सीमा से सटे होने के कारण गिरोह चोरी का माल नेपाल में आसानी से बेच देता था और वहां शरण भी ले लेता था।
2021 में गिरफ्तारी के बाद जेल में थे
सितंबर 2021 में वाहन चेकिंग के दौरान चेलवा और बेलवा की गिरफ्तारी हुई थी। बता दोनों नेपाल की ओर से बाइक पर भारत में घुसे थे, जब पुलिस ने उन्हें रोका और तलाशी ली तो करीब डेढ़ किलो (1513 ग्राम) चरस बरामद हुई। इसके बाद घोड़ासहन थाने में कांड संख्या 405/2021 दर्ज किया गया और दोनों को मोतिहारी सेंट्रल जेल भेज दिया गया। दूसरी तरफ, शटरकटवा गैंग के खिलाफ देशभर में चार दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। गिरोह के सदस्य अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर वारदातों को अंजाम देते थे। बिहार पुलिस ने लंबे समय से इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई थी। ऐसे में, पुलिस को इनकी कई वारदातों की जानकारी थी, जिसके चलते देशभर की पुलिस अक्सर घोड़ासहन इलाके में जांच-पड़ताल के लिए आती थी।
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