Bihar Politics On Journalist Murder
इंडिया न्यूज, पूर्णिया:
बिहार में नीतिश बाबू का सुशासन पत्रकारों को रास नहीं आ रहा है। शनिवार को बिहार के पुर्णिया में एक पत्रकार विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह की हत्या कर दी गई। जिसमें बिहार सरकार के मंत्री और धमदाहा के विधायक लेसी सिंह और उसके भतीजे पर हत्या करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। यही नहीं परिजनों ने कहा है कि पुलिस भी हत्यारोपियों को बचाने के लिए काम कर रही है। पुलिस आलाधिकारियों ने जहां संबंधित थानाध्यक्ष को हटा दिया है। लेकिन मंत्री लेसी सिंह की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही हैं। क्योंकि नेता प्रतिपक्ष आरजेडी के विधायक तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार पर निशाना साधते हुए आरोपियों को बचाने के आरोप लगाए हैं।
वहीं बिहार में चरमरा रही कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि बिहार की पुलिस जनता की नहीं हत्यारों की सुरक्षा करने का काम कर रही है। ऐसे में बिहार की राजनीति भी गमार्ने लगी है। वहीं परिजनों ने मृतक का शव सरसी थाने के सामने रख पुलिस और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की, और हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। वहीं मामला बढ़ते देख एसपी दयाशंकर मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनक कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास करने लगे। इस दौरान एसपी को भी लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। पुलिस अधिक्षक ने लोगों को शांत करवाते हुए थाना प्रभारी नरेश कुमार को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया।
मृतक की पत्नी अनुलिका सिंह ने बताया कि विश्वजीत अगले चुनावों में धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए वह जनता के बीच जनाधार बढ़ा रहे थे। जिससे स्थानीय विधायक और राज्य के मंत्री लेसी सिंह की राजनीति पर असर पड़ना स्वभाविक था। रिंटू सिंह के पिता मनोज सिंह ने बताया कि मेरा बेटा 2015 में जिला परिषद का सदस्य रह चुका है। वहीं पुत्रवधु अनुलिका सिंह अभी भी जिप सदस्य के तौर पर कार्य कर रही हैं। लेसी सिंह बेटे की लोकप्रियता से भयभीत हो रहे थे। इसीलिए उसे रास्ते से हटाने के लिए मंत्री और उसके भतीजे ने बेटे को मार दिया है।
पूर्व जिप सदस्य व पत्रकार की हत्या मामले में नीतिश कुमार पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने निशाना साधते हुए कहा कि आखिर कहां गया नीतिश का सुशासन देने का वायदा। क्या सुशासन में पत्रकारों की हत्यां की जाती हैं। क्या सरकार के मंत्री जनता की भलाई करने की बजाए उनकी हत्या करवा देते हैं।
जब पीड़ित परिवार लेसी सिंह व उसके लोगों पर हत्या का आरोप लगा रहा है तो क्या थानाध्यक्ष को निलंबित कर मामले को दबाने के लिए खानापूर्ति की जा रही है। आखिर क्यों आरोपियों पर कार्रवाई करने से नीतीश सरकार हिचकिचा रही है। और क्यों राज्य सरकार और उसके मुखिया मंत्री का नाम सामने आने पर चुपी धारण किए हुए हैं।
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