India News Bihar (इंडिया न्यूज),Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव की रस्साकशी शुरू हो गई है। राजनीतिक बिसात भी बिछनी शुरू हो गई है। राजनीतिक दलों ने अपने-अपने कुनबे बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। सीटों पर उम्मीदवारों के लिए जातिगत समीकरण बिठाए जा रहे हैं। एक तरफ राज्य में जेडीयू की अगुवाई वाली एनडीए सरकार है तो दूसरी तरफ आरजेडी और कांग्रेस समेत ऑल इंडिया गठबंधन है। चुनाव के लिए नेता मैदान में दिखने लगे हैं। इसी बीच पुष्पम प्रिया चौधरी की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने ‘एक चिट्ठी बिहार के नाम’ शीर्षक से लंबी पोस्ट लिखी है।
Kolkata Doctor Murder: संजय रॉय को निर्दोष साबित करने आई ये महिला वकील? पावर जानकर उड़ जाएंगे होश
‘मैंने बिहार की व्यवस्था बदलने का संकल्प लिया है’
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि राजनीति में चार साल बहुत कम समय होता है। इन चार सालों में मेरे और आपके जीवन में भले ही कई बदलाव आए हों, लेकिन बिहार की आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था जस की तस है। मैंने इस व्यवस्था को बदलने का संकल्प लिया है। मेरे लिए राजनीति अब ऐसी नहीं रही कि अगर मैं कुछ नहीं कर सकती तो राजनीति कर सकती हूं।
‘कई बार सोचा कि आप सभी को यह पत्र लिखूं’
प्लूरल्स पार्टी की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि बिहार मेरे लिए उपहास का विषय नहीं है, बल्कि यह एक साम्राज्य है, एक ऐसा राज्य जिसका झंडा पूरी दुनिया में लहराता था। आज बिहार की विकास रिपोर्ट के आंकड़े देखकर मेरा सिर शर्म से झुक जाता है। मैंने बिहार को करीब से देखा है। मैंने अपना अधिकांश जीवन बिहार में बिताया है। मैंने बिहार को करीब से देखा है और वहां काम किया है। मैंने बाहर रहने वाले एक बिहारी के दर्द को भी महसूस किया है।
पार्टी का नाम प्लूरल्स क्यों रखा गया, बताया
पुष्पम प्रिया ने कहा कि हमारी पार्टी का नाम प्लूरल्स इसलिए रखा गया क्योंकि इसमें कई ऐसे लोग हैं जिन्हें खरीदा या फंसाया नहीं जा सकता। बिहार के लोगों को वोट बैंक से बढ़कर माना जाता है, चाहे वे कितने भी हों। बिहार को सिर्फ बदलाव की नहीं, बल्कि सार्थक बदलाव की जरूरत है। नई बोतल में पुरानी शराब बिहार के लिए खतरनाक है। जिनके पास कोई आदर्श नहीं है, वे सिर्फ अवसरवादी हैं।