India News(इंडिया न्यूज़),Lok Sabha Elections 2024: 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश में तैयारी शुरू हो गई हैं। इसे लेकर बिहार की राजनीति में 3 जुलाई को महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के बीच बैठक हुई, जो करीब डेढ़ घंटे तक चली। नीतीश कुमार के करीबी रहे हरिवंश की बीजेपी से भी नजदीकी है। इस मुलाकात को लेकर कयास का दौर शुरू हो गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर नया दामन थामेंगे।
हरिवंश को बीजेपी का दूत कहना गलत
बता दें जेडीयू ने नीतीश कुमार के एक बार फिर बीजेपी के साथ जाने से इनकार किया है। बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, हरिवंश बाबू पार्टी के रैंक और फाइल के साथ है। माननीय नेता (नीतीश कुमार) ने पार्टी के सांसद से मुलाकात की तो इसमें गलत क्या है। उन्होंने कहा कि हरिवंश को बीजेपी का दूत कहना गलत है। नीतीश कुमार की नीति है कि जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को छोड़ दिया है तो बीजेपी की तरफ जाने का कोई सवाल नहीं उठता है।
डीयू के नेताओं में असंतोष की भावना
बता दें इन सबके बीच जेडीयू में टूट और इसके आरजेडी में विलय का भी दावा किया जा रहा है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के नेता चिराग पासवान ने कहा, “जेडीयू के नेताओं में असंतोष की भावना है और जेडीयू में टूट बहुत जल्द होगी।” बीजेपी सांसद और नीतीश के साथ डिप्टी सीएम रहे सुशील मोदी ने तो जेडीयू के आरजेडी में विलय की भविष्यवाणी कर दी।
जेडीयू का पलटवार
बयानों के वार शुरू हुए तो जेडीयू ने भी पलटवार किया। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा, “कोई मर्जर की बात नहीं है। जनता दल यूनाइटेड का अस्तित्व था, अस्तित्व है और रहेगा। फिलहाल, अभी ये बयानबाजी ही है और इन दावों में कितना दम है, इसका पता आने वाले दिनों में चल जाएगा।”
ये भी पढ़ें – Rekha: अपने प्यार और करियर के बारे में रेखा ने की बात, हटाया राज से पर्दा