India News Bihar (इंडिया न्यूज), Chhath 2024: महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है, जिसे ‘खरना’ के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रती दिनभर निर्जल व्रत रखते हैं और शाम को विशेष प्रसाद के साथ पूजा करते हैं। खरना के अवसर पर व्रती कच्ची रसोई में पूजा के प्रसाद के रूप में खीर और रोटी बनाते हैं, जिसे पूरी शुद्धता और पवित्रता के साथ तैयार किया जाता है। इस प्रसाद को व्रती अपने परिवार के साथ ग्रहण करते हैं और फिर अगले 36 घंटे तक निर्जल व्रत का पालन करते हैं।

Chhath 2024: छठ घाट की सजावट देखने गए 2 मासूम डूबे नदी में! बच्चों की खोजबीन जारी

जानें खरना पूजा की खासियत

बता दें कि, खरना पूजा के बाद छठ महापर्व का मुख्य चरण शुरू होता है। कल शाम व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे और उसके बाद अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का समापन करेंगे। साथ ही, छठ पर्व में सूर्य देवता की पूजा की जाती है, जिन्हें जीवन और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। इस पूजा में जल, सूर्य और पृथ्वी का अद्भुत संगम देखने को मिलता है, जो प्रकृति के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता को दर्शाता है। छठ पूजा का खास महत्व यह है कि यह पर्व पूरी पवित्रता, सामूहिकता और अनुशासन का प्रतीक है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था बल्कि पर्यावरण से जुड़ी जागरूकता का संदेश भी देता है।

36 घंटों तक वृत्तियां करेंगी निर्जला व्रत

व्रती कठिन व्रत का पालन करते हुए चार दिनों तक विशेष नियमों का पालन करते हैं। बिना जल के 36 घंटे तक व्रत रहना उनकी आस्था और समर्पण का परिचायक है। छठ पूजा बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। यह पर्व हमें प्रकृति के साथ जुड़ाव का अहसास कराता है और हमारे जीवन में सकारात्मकता और सामूहिकता का संचार करता है।

Indian Railway: रेलवे ने दी यात्रियों को स्पेशल ट्रेन की सौगात, रीवा से इंदौर के बीच लगाएगी फेरे