India News (इंडिया न्यूज),MahaKumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से भी बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि महाकुंभ की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। केंद्र और राज्य सरकार के विभागों के साथ ही राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों के बीच बेहतरीन समन्वय के साथ महाकुंभ पर्व की तैयारियां आगे बढ़ रही हैं। यहां हर संस्था का सहयोग लिया जा रहा है। सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ एक महापर्व ही नहीं बल्कि प्रयागराज के लिए अपनी आतिथ्य सेवा का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करने का अवसर भी है। सीएम योगी ने प्रयागराज की जनता से इस अवसर को सक्सेस स्टोरी में बदलने और प्रयागराज की ब्रांडिंग के लिए सहयोग करने का आह्वान भी किया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सनातन गौरव महाकुंभ के सबसे बड़े समागम की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। अब तक यहां 20 हजार से अधिक संतों व संगठनों के साथ अन्य संस्थाओं को पंजीकृत कर भूमि आवंटन से जोड़ा जा चुका है। इसमें सभी 13 अखाड़ों, दंडीवाड़ा, आचार्यवाड़ा के साथ ही प्रयागवाल सभा व खाक चौक आदि को भूमि आवंटन की प्रक्रिया हो चुकी है। बाकी लोगों को भी भूमि आवंटन प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है। अन्य संस्थाओं के साथ ही नई संस्थाएं भी हैं, जिन्हें पांच जनवरी तक भूमि आवंटित करने का प्रयास किया जा रहा है। डबल इंजन की सरकार की ओर से भूमि व अन्य प्रकार की सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में पहली बार पांटून पुलों की संख्या 22 से बढ़ाकर 30 की जा रही है, जिसमें से अब तक 20 बनकर तैयार हो चुके हैं और 30 तारीख तक सभी 30 पांटून पुलों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। यहां कुल 651 किलोमीटर चेकर्ड प्लेट बिछाई जानी थी, जिसमें से अब तक 330 किलोमीटर चेकर्ड प्लेट बिछाई जा चुकी हैं। इसका कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है और समय रहते इसे भी आगे बढ़ाया जाएगा। साइनेज लगाने का कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। मेला क्षेत्र में अब तक 250 साइनेज लगाए जा चुके हैं, जबकि शहर के अंदर 661 स्थानों पर साइनेज लगाए जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा भी यहां व्यापक कार्य किया जा रहा है। खासकर सिंचाई विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि अविरल और निर्मल गंगा के दर्शन हों और संगम पर पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध हो। आप देख रहे होंगे कि इस बार माँ गंगा और माँ यमुना की कृपा बहुत अधिक रही है और पानी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। इतना ही नहीं, पानी शुद्ध है और नहाने और पीने के लिए उपयुक्त है। नदी में कोई सीवर, औद्योगिक अपशिष्ट या नालों का पानी न गिरे, इसके लिए जगह-जगह एसटीपी काम कर रहे हैं और बायोरेमेडिएशन और जियो ट्यूब के माध्यम से उनके शुद्धिकरण का कार्यक्रम भी यहाँ सुनिश्चित किया गया है।
सीएम योगी ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन द्वारा 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए 400 केवीए के 85 सबस्टेशन लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 77 बन चुके हैं। 250 केवीए के 14 सबस्टेशन में से 12 बन चुके हैं। 100 केवीए के 128 सबस्टेशन में से 94 बन चुके हैं। एलटी लाइन 1160 किमी, एचटी लाइन 160 किमी और एलईडी स्ट्रीट लाइट करीब 48000 अब तक लग चुकी हैं। पहली बार यहां लोगों को मां गंगा का रिवर फ्रंट देखने को मिलेगा। प्रयागराज में पहली बार रिवर फ्रंट और पक्के घाट बनाए गए हैं।
इसी तरह अरैल में भी घाट बनाया जा रहा है और घाट को हर हाल में 30 दिसंबर तक पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि जो भी स्थायी और अस्थायी कार्य होने थे, उन पर युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। जेटी निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने 100 बेड का अस्थायी अस्पताल भी तैयार कर लिया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलग-अलग स्थानों पर 25 बेड के अस्पताल बनाए जा रहे हैं। यहां प्राथमिक उपचार बॉक्स की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान पहली बार प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को कॉरिडोर के जरिए प्रयागराज की झलक भी देखने को मिलेगी। अक्षय वट कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया है। श्रद्धालुओं को बड़े हनुमान जी यानी लाट हुए हनुमान जी कॉरिडोर के दर्शन का भी अवसर मिलेगा। इसके साथ ही सरस्वती कूप कॉरिडोर, पातालपुरी कॉरिडोर, महर्षि भारद्वाज कॉरिडोर के अलावा श्रृंगवेरपुर में भगवान राम और निषाद राज कॉरिडोर विकसित किया गया है। इसके साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंग, नागवासुकी मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों के सौंदर्यीकरण और फसाड लाइटिंग का काम भी पूरा हो चुका है।
उन्होंने कहा कि नगर निगम ने यहां द्वादश ज्योतिर्लिंग की बहुत अच्छी प्रतिकृति बनाई है। साथ ही त्रिवेणी पुष्प जो पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी की परिकल्पना थी, आज उसका भव्य स्वरूप उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और परमार्थ आश्रम मिलकर तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा टेंट सिटी का निर्माण कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से 20 हजार श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी बसाई जा रही है।
इसके अलावा अन्य वीआईपी के लिए अलग-अलग जगहों पर करीब 5 से 6 हजार की क्षमता वाले टेंट बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रयागराज मेले में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पहली बार आपदा मित्रों की तैनाती की गई है। इस पूरे मेले में श्रद्धालुओं की मदद के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ आपदा मित्र भी अपनी सेवाएं देते नजर आएंगे।
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