India News (इंडिया न्यूज),Dhirendra Shastri: गोपालगंज के रामनगर में चल रही हनुमंत कथा के दौरान रविवार, 9 मार्च 2025 को भारी भीड़ के कारण कार्यक्रम को बीच में ही स्थगित करना पड़ा। लाखों श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे, जिससे पंडाल में जबरदस्त दबाव बन गया। हालात इतने बिगड़ गए कि लोग बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुसने लगे, जिससे कई श्रद्धालु घायल हो गए और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
बता दें कि, कथा स्थल पर भीड़ इतनी अधिक हो गई कि लोगों को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। बैरिकेडिंग टूटने से कुछ श्रद्धालुओं के पैर टीन से कट गए, जबकि कुछ की तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। स्थिति को देखते हुए पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कथा को बीच में ही स्थगित करने की घोषणा की। उन्होंने मंच से श्रद्धालुओं से कहा कि भीड़ की वजह से किसी के साथ अनहोनी न हो, इसलिए लोग अपने घरों में टीवी और मोबाइल के माध्यम से कथा सुनें। साथ ही, उन्होंने यह भी अपील की कि पंडाल के पास रहने वाले लोग ही अगले दिन (सोमवार, 10 मार्च) कथा स्थल पर आएं।
Dhirendra Shastri: धीरेंद्र शास्त्री की कथा में गुंजी चीख-पूकार, बैरिकेडिंग तोड़ किया हंगामा
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हनुमंत कथा में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों और नेपाल से भी श्रद्धालु पहुंच। हालांकि, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या इतनी ज्यादा थी कि सुरक्षाकर्मी बेबस नजर आए। जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया, भीड़ बेकाबू हो गई और लोग बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुसने लगे।
इस अफरा-तफरी के बीच रविवार सुबह एक भावुक करने वाला दृश्य भी देखने को मिला। अपने निवास स्थान पर पूजा-पाठ के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति को रोते हुए देखा। जब उन्होंने उसे बुलाया, तो पता चला कि वह नेपाल से कथा सुनने आया था। धीरेंद्र शास्त्री ने उसे गले लगाया, ढांढस बंधाया और प्रसाद व आशीर्वाद पट्टिका देकर सम्मानित किया। इस दृश्य को देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं।
कथा को बीच में रोकने का फैसला कठिन था, लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यह जरूरी हो गया। धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से अपील की कि वे ऑनलाइन माध्यम से कथा का आनंद लें और अधिक भीड़ इकट्ठा न करें ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। रामनगर में उमड़ी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि धीरेंद्र शास्त्री के प्रति लोगों की श्रद्धा कितनी गहरी है, लेकिन भारी भीड़ के कारण सुरक्षा को लेकर नई चुनौतियां भी खड़ी हो गई हैं।