इंडिया न्यूज़ (Ramcharitmanas): बिहार के शिक्षा मंत्री और प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर एक बयान दिया था, जिसको लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। वहीं मंत्री के बयान पर जेडीयू और आरजेडी के बीच भी संशय की स्थिति बनी हुई है। लेकिन आरजेडी (RJD) अपने मंत्री के साथ खड़ी दिखाई दे रही है और सूत्रों ने बताया कि इसके पीछे एक सोची समझी रणनीति है। एक पार्टी पक्ष में तो दूसरी शिक्षा मंत्री के बयान का विरोध करती नजर आ रही है।

मंत्री के बयान का खंडन नहीं की आरजेडी

वहीं, जेडीयू ने आरजेडी पर यह कहते हुए दबाव बढ़ा दिया है कि वह ‘राम-रहीम (हिंदू-मुस्लिम एकता) की समग्र संस्कृति’ में विश्वास करती है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली आरजेडी ने अभी तक अपने मंत्री के बयान का खंडन नहीं किया है।

जेडीयू ने कहा- हम राम-रहीम संस्कृति में विश्वास करते हैं

जेडीयू एमएलसी और प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि हम राम-रहीम संस्कृति में विश्वास करते हैं। हम महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलते हैं, जिन्होंने मरने से पहले ‘हे ​​राम’ कहा था, डॅा भीमराव अंबेडकर जो संविधान निर्माताओं में से हैं और डॉ. राममनोहर लोहिया जो रामायण के मेले लगाते थे। हो सकता है कि चंद्रशेखर उन तीन लोगों से ज्यादा जानते हों, जिनका मैंने नाम लिया है।