India News (इंडिया न्यूज), Bihar: सोमवार को बिहार के विभिन्न जिलों से आए दिव्यांगजन, बिहार दिव्यांग संघर्ष समिति और राष्ट्रीय दिव्यांग संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जुटे और धरना दिया। उनका उद्देश्य था अपनी 10 सूत्रीय मांगों को सरकार के समक्ष रखना। गहन चर्चा और विचार-विमर्श के बाद, दिव्यांगजनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी समस्याओं के समाधान की अपील की।

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पेंशन और आरक्षण की प्रमुख मांगें

धरने की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष कृष्णा यादव ने सरकार से दिव्यांगों के अधिकारों पर गंभीरता से विचार करने की मांग की उन्होंने कहा, “जो अधिकार दिव्यांगों को मिलने चाहिए, वह आज भी दूर हैं। समाज में उनकी उन्नति के लिए रोजगार, नौकरी और राजनीति में भागीदारी जरूरी है।” बेलागंज प्रखंड अध्यक्ष विकास कुमार पटेल ने दिव्यांगजनों को ₹5,000 पेंशन देने की मांग की, जबकि बांकेबाजार अध्यक्ष सगीर अहमद ने कहा कि दिव्यांगों का विकास तभी होगा जब नौकरी में उनकी हिस्सेदारी बढ़ेगी। सचिव चंदन कुमार ने केंद्र और राज्य सरकारों पर दिव्यांगजनों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

विशिष्ट मांगें और समाधान का आग्रह

दिव्यांगजनों ने मांग की कि उन्हें 35 किलो राशन, पीएम आवास योजना में 10% आरक्षण, और शिक्षित दिव्यांगों को रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। इसके अलावा, दिव्यांग विवाह योजना की राशि को बढ़ाकर ₹5 लाख करने और 40% दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को मोटराइज्ड साइकिल उपलब्ध कराने की भी मांग रखी गई। धरने में मौजूद मनोहर कुमार ने कहा, “अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानेगी, तो आंदोलन और तेज होगा यह हमारी जिंदगी और अधिकारों की लड़ाई है।” धरने में संजीव कुमार, शशि कुमारी, और अन्य दिव्यांगजन ने अपनी एकता और संघर्ष का परिचय दिया।