India News Bihar (इंडिया न्यूज), Diwali 2024: दिवाली का पर्व नजदीक आते ही हर जगह उत्साह का माहौल है। बाजारों में सजावट की रौनक दिखाई देने लगी है, जहां मिट्टी के दिए, रंग-बिरंगी लाइटें और सजावटी सामानों की भरमार है। बता दें कि, बिहार के कई हिस्सों में दीयों का बाजार सज चुका है, लेकिन इस बार लगातार हो रही बारिश ने कुम्हारों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
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कुम्हारों की बढ़ी थोड़ी मुश्किलें
मिट्टी के दीये बनाने में कुम्हारों को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। दूसरी तरफ, बारिश के कारण दीये और मूर्तियां बन तो रहे हैं, पर उन्हें सुखाना चुनौती बन गया है। कुम्हारों के मुताबिक, इस मौसम में चाक की गति धीमी हो गई है, जिससे दीये तैयार करने में समय अधिक लग रहा है। साथ ही, कई कुम्हार गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां भी बना रहे हैं, जिन्हें सुखाने और सजाने में और अधिक समय लग रहा है। ऐसे में, दिवाली के बाद छठ पर्व की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं, जिसमें मिट्टी के दीयों की मांग और बढ़ जाती है।
मिटटी के दीयों की बढ़ रही डिमांड
देखा जाए तो, लोग हर साल की तरह इस बार भी मिट्टी के दीयों का इंतजार कर रहे हैं। कुम्हारों को उम्मीद है कि जैसे ही बारिश थमेगी, दीयों की बिक्री में तेजी आएगी। साथ ही, बाजारों में मिट्टी के दीयों के अलावा आकर्षक रंगोली के रंग, सजावटी मालाएं, और दीप जलाने के अन्य सामान भी उपलब्ध हैं। स्थानीय बाजारों में भीड़ धीरे-धीरे बढ़ रही है, और लोग दिवाली की तैयारियों में जुट गए हैं। कुम्हारों की मेहनत से बने ये दीये न सिर्फ घरों को रोशन करेंगे बल्कि पारंपरिक त्यौहार की चमक को और भी बढ़ा देंगे।
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