India News (इंडिया न्यूज), E-Shiksha Kosh Portal: बिहार की बदनामी और सोशल मीडिया पर कई दावे के बाद छात्रों के भविष्य को लेकर बिहार सरकार ने कमर कस लिया है। जिसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक एवं उच्च विद्यालय में पदभार संभाले लगभग 14 हजार शिक्षकों को शैक्षणिक डेटा अपलोड करने का आदेश दिया गया। जिसमें से लगभग 9 हजार शिक्षकों को ने डेटा अपलोड कर दिया है। वहीं लगभग 5 हजार लोगों ने अपने डेटा सार्वजनिक करना अबतक स्वीकार्य नहीं किया है।

डेटा अपलोड करने के आदेश

दरअसल, जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने छह महीने पहले 10 जुलाई 2023 को आदेश दिया था कि सभी कार्यरत शिक्षक डेटा अपलोग करेंगे। जिसके बाद दो महीने तक कोई डेटा अपलोड नहीं किया गया। दोबारा आदेश 10 अक्टूबर 2023 को निकाला गया। तब जाकर 9 हजार शिक्षकों ने डेटा अपलोड किया। हालांकि उसमें से कई लोगों ने गलत डेटा अपलोड किया है। जिसे डीपीओ द्वारा जल्द से जल्द सही करने का आदेश दिया गया है। वहीं ना अपलोड करने वालों को शीघ्र-अति शीघ्र अपलोड करने के आदेश दिए गए हैं।

ई-शिक्षा कोष पोर्टल

बता दें कि शिक्षक ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपना डेटा अपलोड करने से इसलिए बच रहे हैं क्योंकि किसी भी प्रकार की त्रुटि से उनका भविष्य खराब हो सकता है। लोगों का कहना है कि कई शिक्षकों की नियुक्ति गैर कानूनी है। उनकी भर्ती गलत तरीके से की गई है। अब डेटा अपलोड करने पर नियुक्ति की प्रक्रिया से जुड़ी सारी जानकारी शिक्षा विभाग के पास चली जाएगी। जिसके बाद गलत होने पर उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है।

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