India News (इंडिया न्यूज), International Women’s Day 2025: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम बिहार की उन साहसी महिलाओं की कहानी लेकर आए हैं, जो हर दिन मौत का सामना करते हुए जंगलों की सुरक्षा में तैनात रहती हैं। जानकारी के अनुसार ये महिलाएं पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व और उदयपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं। जंगल में गश्त करना, वन्य जीवों की रक्षा करना और अवैध शिकारियों से निपटना इनका रोज़ का काम है।
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International Women’s Day 2025
बता दें, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) बिहार का इकलौता टाइगर रिजर्व है, जहां सैकड़ों महिलाएं वन विभाग में अपनी सेवाएँ दे रही हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, वीटीआर में 33 प्रतिशत वनकर्मी महिलाएं* हैं। ये महिला वनकर्मी दिन-रात जंगल में गश्त करती हैं और वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। ऐसे में, जंगल में गश्त के दौरान महिला वनकर्मियों को खतरनाक जंगली जानवरों और शिकारियों का सामना करना पड़ता है। कई बार ये शिकारी आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं, लेकिन महिला वनकर्मी अपनी बहादुरी से इनका मुकाबला करती हैं। इन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे ये किसी भी आपात स्थिति में त्वरित निर्णय ले सकें।
बताया गया है कि महिला वनकर्मी न केवल गश्त करती हैं, बल्कि घायल वन्य जीवों के रेस्क्यू ऑपरेशन*में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। बाघ, तेंदुआ, हाथी और अन्य जानवरों के रेस्क्यू में उनकी भूमिका अहम होती है। दूसरी तरफ, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के *डीएफओ आतिश कुमार* का कहना है कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की भी जंगल की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका है। वे हर चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहती हैं और किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटतीं।
आज, महिला दिवस के अवसर पर इन वीरांगनाओं को सम्मानित किया जाता है, ताकि उनका हौसला बढ़े और वे अपने कार्यों को और मजबूती से कर सकें। ऐसे में, बिहार की ये बहादुर महिलाएं समाज के लिए प्रेरणा हैं। जंगल और वन्य जीवों की रक्षा करने वाली ये महिला वनकर्मी साबित करती हैं कि हौसले और संकल्प के साथ कोई भी चुनौती पार की जा सकती है।