India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: सीवान जिले के गुठनी थाना क्षेत्र के योगियाडीह गांव स्थित ठाकुर जी मठिया के समीप एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ सरकारी स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही देखी गई। यहां सरसों के खेत में लाखों रुपये की सरकारी दवाइयाँ फेंकी हुई पाई गईं। ग्रामीणों ने जब खेतों में काम करने के दौरान दो प्लास्टिक की बोरियों में टैबलेट, सिरप, इंजेक्शन, एंटीबायोटिक और मेडिकल इक्यूपमेंट्स जैसे सामान देखे, तो उन्हें पहले समझ नहीं आया। बाद में पता चला कि ये दवाइयाँ गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए भेजी गई थीं।
लोगों ने दी पुलिस को जानकारी
ग्रामीणों के द्वारा इसकी सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुँच कर मामले की जांच कर रही है। स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी जांच शुरू करने की बात कही है। यह घटना तब सामने आई जब ग्रामीणों ने देखा कि सरकारी अस्पतालों में भेजी जाने वाली दवाइयाँ खुले खेतों में बिखरी पड़ी थीं। खास बात यह है कि इन दवाइयों का इस्तेमाल गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार के लिए किया जाता है, जो कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रायः वितरित की जाती हैं।
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सरकारी अस्पतालों पर लगाया आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी अस्पतालों में अक्सर दवाइयाँ नहीं मिलती, और ऐसे में गरीब लोगों को दवाइयाँ खरीदने के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं। वहीं, दूसरी ओर करोड़ों रुपये की सरकारी दवाइयाँ यूं ही फेंकी जा रही हैं। यह घटना यह सवाल उठाती है कि सरकारी योजनाओं के तहत दिए जाने वाले संसाधनों का सही तरीके से उपयोग क्यों नहीं हो रहा है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की जांच के बाद यह मामला स्पष्ट होगा कि आखिरकार इन दवाइयों के फेंके जाने की जिम्मेदारी किसकी है।