India News(इंडिया न्यूज) Bihar politics: बिहार की राजनीति इन दिनों गरमाई हुई है। सियासी गलियारों में चर्चा है की एनडीए में शामिल जीतन राम मांझी अपनी पार्टी हम के साथ कथित तौर पर किए गए बुरे बर्ताव से नाराज हैं। आरजेडी ने इस मौके का फायदा उठाते हुए मांझी को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है। इससे पहले राजद सुप्रीमो लालू यादव ने सीएम नीतीश के लिए दरवाजा खोला था, लेकिन नीतीश कुमार के इंकार के बाद बात नहीं बनी थी।
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बिहार की राजनीति में उथल-पुथल
दरअसल, जीतन राम मांझी ने एनडीए पर हम को कमजोर समझने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी ताकत दिखाने की बात कही है। मांझी के इस रवैये के पीछे एनडीए में उनकी पार्टी की कथित उपेक्षा को वजह बताया जा रहा है। हाल ही में लालू यादव की आरजेडी प्रमुख पशुपति पारस से मुलाकात भी चर्चा का विषय बनी हुई है। इन घटनाओं ने बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है।
मांझी को राजद का ऑफर
राजद ने मांझी को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने जीतन मांझी को लालू यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट बताया। साथ ही कहा कि वो अनुभवी नेता हैं। उन्हें भाजपा के दांव-पेंच पता होने चाहिए। तिवारी ने मांझी से अपील की है कि वे कुर्सी छोड़कर दलितों, शोषितों और वंचितों की लड़ाई में तेजस्वी यादव के साथ आ जाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने ही सहयोगियों को तोड़ा और धोखा दिया है। मांझी दुविधा में क्यों हैं? भाजपा उनकी पार्टी को तोड़ देगी।
मांझी को एनडीए में ही मिला सम्मान
इस बीच, जदयू ने हम की अनदेखी के आरोपों को खारिज कर दिया है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि हम पार्टी की उपेक्षा को लेकर उठ रहे सवाल बेबुनियाद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को सच्चा सम्मान दिया है।