India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार की राजनीति में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के हालिया बयान ने हलचल मचा दी है। मांझी ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के लिए 40 सीटों की मांग करते हुए एनडीए पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनकी जाति और पार्टी को लगातार नजरअंदाज किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने झारखंड और दिल्ली के चुनावों में टिकट न मिलने को “धोखा” करार दिया।
महागठबंधन ने बढ़ाए हाथ
मांझी के बयान के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तुरंत उन्हें महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दे दिया। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “मांझी जी एक अनुभवी नेता हैं। उन्हें भाजपा के असली इरादों को समझना चाहिए। बीजेपी ने उनकी पार्टी को तोड़ने की साजिश रची है। तेजस्वी यादव दलित और शोषित समाज की लड़ाई लड़ रहे हैं, मांझी को उनका साथ देना चाहिए।”
रोहिणी आचार्य का तीखा हमला
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने मांझी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मांझी का कोई भरोसा नहीं। वो सिर्फ सत्ता के साथ बने रहने वाले नेता हैं। अगर नीतीश कुमार उन्हें एक सीट दे दें, तो वो फिर से एनडीए के साथ चले जाएंगे।”
एनडीए का पलटवार
एनडीए के जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने मांझी की पार्टी को पर्याप्त सम्मान मिलने का दावा किया। उन्होंने कहा, *”मांझी जी को पहले भी सरकार में सम्मान मिला है और आज भी मिल रहा है। एनडीए के भीतर किसी तरह की अनदेखी का सवाल ही नहीं उठता।”*
सियासी अटकलें तेज
मांझी के इस बयान ने एनडीए में दरार की अटकलों को हवा दी है दूसरी ओर, महागठबंधन में उनकी संभावित एंट्री को लेकर चर्चाएं गरम हैं। क्या मांझी एनडीए का साथ छोड़ महागठबंधन की ओर रुख करेंगे या फिर एनडीए उन्हें मनाने में कामयाब रहेगा? बिहार की राजनीति में यह मुद्दा आने वाले दिनों में और बड़ा रूप ले सकता है।