India News (इंडिया न्यूज),Lalu Yadav: आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव एक बार फिर ईडी के रडार पर आ गए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निशाने पर सिर्फ लालू यादव ही नहीं, उनका पूरा परिवार है। दरअसल, बुधवार को ईडी ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू यादव से कई घंटों तक पूछताछ की। लालू यादव से पूछताछ से पहले ईडी उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव से भी घंटों पूछताछ कर चुकी है। आरजेडी नेताओं ने ईडी की पूछताछ पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब भी बिहार में चुनाव का मौसम आता है, ईडी और सीबीआई सक्रिय हो जाती है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि रेलवे की जमीन के बदले नौकरी योजना क्या है, जिसके चलते लालू परिवार पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है?
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नौकरी के बदले जमीन घोटाला क्या है?
यह घोटाला 2004-2009 के बीच हुआ था, जब लालू रेल मंत्री थे। उन्होंने रेलवे विभाग में नौकरी देने के बदले लोगों से ज़मीन ली थी। यह ज़मीन ख़ास तौर पर समाज के गरीब और कमज़ोर तबके के लोगों से ली गई थी और बदले में उन्हें रेलवे विभाग में जॉब दी गई थी। लालू यादव पर रेलवे विभाग में नौकरी दिलाने के बदले 1,000 से ज़्यादा लोगों से ज़मीन लेने का आरोप है। यह भी आरोप है कि इन ज़मीनों की कीमत बहुत कम थी और उन्होंने यह ज़मीन अपने परिवार के नाम पर ली थी। यह ज़मीन उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे और बेटियों के नाम पर ली गई थी।
पहले CBI और अब ईडी के निशाने पर लालू का परिवार
सीबीआई जांच और आरोप सीबीआई ने इस मामले में जांच शुरू की और लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इसके तहत लालू यादव के अलावा उनके परिवार के अन्य सदस्य भी आरोपी हैं, जिनमें उनकी पत्नी और बेटियां शामिल हैं। हालांकि, लालू यादव ने हमेशा इस मामले में आरोपों से इनकार किया है और इसे राजनीतिक बदला बताया है। उनका और उनकी पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह मामला उनके खिलाफ साजिश है। जब भी चुनाव आते हैं, जांच एजेंसी उन्हें बदनाम करने के लिए पूछताछ करती है।
पिछले कई सालों से लालू यादव के राजनीतिक करियर के लिए जमीन के बदले नौकरी घोटाला एक बड़ा संकट बना हुआ है। दिवंगत भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी और वर्तमान कैबिनेट मंत्री और जेडीयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लालू के खिलाफ सीबीआई को सबूत दिए थे। फिलहाल जमीन के बदले नौकरी घोटाले में कुल चार लोग मुख्य आरोपी हैं, जिनमें लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और लालू की बेटियां शामिल हैं।