India News (इंडिया न्यूज), Bihar Crime: सुपौल के राघोपुर थाना क्षेत्र के डुमरी पंचायत के वार्ड 4 स्थित सतकोदरिया गांव से दिल को झकझोर कर देने वाली घटना सामने आई है। कर्ज के बोझ तले दबे 26 वर्षीय लक्ष्मी मुखिया ने अपने घर में फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली। मृतक अपने पीछे पत्नी और तीन छोटे बच्चों को छोड़ गया है।

क्या है पूरा मामला

लक्ष्मी मुखिया पिछले चार वर्षों से पिता से अलग रहकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था। उसकी पत्नी फुलेश्वरी देवी पिछले दो वर्षों से गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं। इलाज के लिए उसने माइक्रोफाइनेंस कंपनियों और स्थानीय ग्रामीणों से लगभग 4 लाख रुपये का कर्ज लिया था। खुद भी किडनी में पथरी और पैरालिसिस जैसी बीमारियों का शिकार होने के कारण वह मजदूरी नहीं कर पा रहा था।

मृतक के पिता जगदीश मुखिया ने बताया कि लक्ष्मी के ऊपर विभिन्न माइक्रोफाइनेंस कंपनियों का कर्ज था, जिसमें सुगमया फाइनेंस (₹40,000), अन्नपूर्णा फाइनेंस (₹45,000), फेडरल बैंक (₹45,000), आरबीएल बैंक (₹60,000), समस्ता फाइनेंस (₹50,000), महिला समूह (₹25,000), भारत फाइनेंस (₹16,800) और आईआईएफएल फाइनेंस (₹50,000) शामिल थे। इसके अलावा, गांव के कुछ लोगों का भी लगभग ₹50,000 का कर्ज था।

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दबाव नहीं झेल पाया युवक

लक्ष्मी मुखिया अपने परिवार की आजीविका के लिए आइसक्रीम बेचता था, लेकिन आय इतनी नहीं थी कि वह कर्ज की किश्तें चुका सके। बढ़ते दबाव और पारिवारिक परेशानियों के कारण उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। बुधवार सुबह जब लक्ष्मी के कमरे का दरवाजा नहीं खुला, तो परिवार ने दरवाजा तोड़ा और उसे फंदे से झूलता पाया। घटना से गांव में शोक की लहर है। मृतक की पत्नी फुलेश्वरी देवी और तीन छोटे बच्चे 6 वर्षीय शिवनन कुमार, 5 वर्षीय निशा कुमारी और 3 वर्षीय राजकुमार अब असहाय स्थिति में हैं।

पुलिस को परिजन ने बताया

पिता ने बताया कि ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना देने से मना किया, क्योंकि उन्हें डर था कि पुलिस उन्हें ही परेशान कर सकती है। इधर, राघोपुर थानाध्यक्ष नवीन कुमार ने बताया कि इस मामले में कोई आवेदन नहीं मिला है। इधर, मृतक के पिता जगदीश मुखिया ने बताया कि उसके पुत्र लक्ष्मी मुखिया की पत्नी फुलेश्वरी देवी पिछले डेढ़ साल से टायफाइड टाइप बुखार से पीड़ित है। अबतक स्वस्थ नहीं हुई है। पत्नी की इलाज के दौरान मृतक को किडनी में पथरी डिटेक्ट हुआ था। किडनी का इलाज कराते-कराते उसे छह माह पहले लकवा मार दिया था। लकवा ठीक होने पर भारी काम नहीं कर पा रहा था, इसलिए वह आइसक्रीम बेचकर परिवार चलाता था। घटना के बाद मृतक के 6 वर्षीय बड़ा पुत्र शिवनंद कुमार ने जानकारी दी।

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