India News (इंडिया न्यूज), Bihar Politics: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर दिए गए बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में देश की अपेक्षाएँ और महत्वाकांक्षाए बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत की हैं। शांभवी चौधरी के अनुसार, यह राष्ट्रपति का संदेश स्पष्ट था कि देश ने कई अहम कार्य किए हैं, जैसे कि टीबी मुक्त भारत और तकनीकी विकास।
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सोनिया गांधी का अभिभाषण लगा उबाऊ- सांसद शांभवी चौधरी
सांसद ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वंचित और दलित वर्ग के उत्थान पर भी चर्चा की, जिससे एक साफ़ ब्लूप्रिंट का निर्माण हुआ। शांभवी चौधरी का मानना है कि कांग्रेस का नजरिया इससे अलग था, जिसके कारण सोनिया गांधी को यह अभिभाषण “उबाऊ” लगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह राष्ट्रपति का दृष्टिकोण था, जिसे समझने की आवश्यकता है, और अगर सोनिया गांधी को यह उबाऊ लगा तो यह उनके व्यक्तिगत दृष्टिकोण का परिणाम है।
इसी संदर्भ में जेडी(यू) नेता केसी त्यागी ने भी सोनिया गांधी के बयान की निंदा की है। उनका कहना था कि यह बयान असंसदीय और निंदनीय है, क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं और उनके प्रति इस तरह की टिप्पणी अनुचित है। केसी त्यागी ने सोनिया गांधी से अपने बयान को वापस लेने और माफी माँगने की अपील की।
सांसद मनोज झा ने की टिप्पणी
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद मनोज झा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति को परंपरा से अलग हटकर अपनी व्यक्तिगत चिंताओं को भी व्यक्त करने की आज़ादी होनी चाहिए। उनका कहना था कि देश में आय की असमानता और बेरोजगारी गंभीर समस्या बन गई है, जिसका समाधान खोजना जरूरी है।