इंडिया न्यूज, पटना।
Nitish Expressed Surprise Over His Presidential Candidacy : भागलपुर में समाज सुधार अभियान के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार से पत्रकारों ने विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए उनकी उम्मीदवारी की चर्चा को लेकर प्रश्न पूछे गए। पत्रकारों के इस प्रश्न पर उन्होंने हाथ जोड़कर अपनी अनभिज्ञता जाहिए करते हुए आश्चर्य जताया तथा कहा कि ऐसा उनके दिमाग में कोई विचार नहीं है और न ही उनकी इसे लेकर कोई कल्पना है।
वहीं दूसरी ओर इस मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि अगर कुमार भाजपा के साथ संबंध तोड़ लेते हैं तो शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी र्देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए जदयू नेता का समर्थन करने के लिए तैयार है। गौरतलब है कि बिहार में कुमार की सहयोगी पार्टी भाजपा लोकसभा में प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में है। उनकी ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन उसे राष्ट्रपति पद पर अपनी पसंद के उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए अन्य दलों के समर्थन पर बहुत अधिक निर्भर रहना पड़ सकता है।
जुलाई में समाप्त हो रहा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल
इस वर्ष राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है। निर्वाचक मंडल में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के अलावा संसद के दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं। देश में शीर्ष पद के लिए कुमार के नाम पर उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद की पार्टी राजद की ओर से भी मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।
लालू के बड़े पुत्र ने जताई आपत्ति
लालू के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव ने सवाल किया कि हत्या के आरोपी को शीर्ष पद पर कैसे चुना जा सकता है? तेजप्रताप करीब तीन दशक पुराने एक मामले का जिक्र कर रहे थे, जिसमें कुमार को उच्चतम न्यायालय ने बरी कर दिया है।
कुमार खो चुके हैं अपनी विश्वसनीयता : मृत्युंजय तिवारी
इस मामले में राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहा कि एक बिहारी नेता यदि राष्ट्रपति बनता है तो उन्हें गर्व होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह कहा कि कुमार भाजपा के संबंध विच्छेद करने के बाद फिर उससे हाथ मिलाने की वजह से अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं।
महागठबंधन के रूख को कुमार ने किया था उपेक्षित : शक्ति यादव
वहीं राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने राष्ट्रपति पद के पिछले दो चुनावों में कुमार के रुख को याद किया और कहा कि उन्होंने राजग के साथ होने के बावजूद प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था और महागठबंधन (राजद और कांग्रेस) का हिस्सा होने के बावजूद कोविंद का समर्थन किया था जो भाजपा के उम्मीदवार थे। ऐसा कर उन्होंने महागठबंधन को उपेक्षित किया था।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कुमार के पक्ष में बना रहे हैं माहौल
वहीं मीडिया के एक वर्ग द्वारा यह बताया जा रहा है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर विपक्षी दलों के बीच कुमार के पक्ष में राय बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। वहीं जदयू नेता और राज्य के मंत्री श्रवण कुमार ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री शीर्ष पद के योग्य हैं। वह कुमार के विश्वासपात्र माने जाते हैं।
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम ने कुमार का किया अनुमोदन
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि नीतीश सर्वोच्च पद के लिए उपयुक्त हैं। जहां तक मेरा सवाल है, जब मुख्यमंत्री का पद मेरे हाथ में आया तो मैं चुनौती स्वीकार करने से नहीं हिचकिचाया। मेरी शुभकामनाएं नीतीश जी के साथ है।
चिराग ने की नीतीश की आलोचना
वहीं कुमार के घोर विरोधी रहे लोजपा नेता चिराग पासवान ने कटाक्ष करते कहा कि नई कुर्सी की सुगबुगाहट को खारिज नहीं किए सुशासन बाबू। विपक्ष का चेहरा बनने की दिली ख्वाहिश उनकी पूरी हो रही है। अपने लिए एक के बाद एक पद का इंतजाम करने को आदत बना चुके हैं नीतीश जी। चिराग ने आगे कहा कि नीतीश जी बिहार के युवाओं की दुर्गति कर अब राष्ट्रपति बनने चले हैं।
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