India News (इंडिया न्यूज),Bihar: औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के दक्षिणी उमंगा पहाड़ पर बसे काफी संख्या में भोक्ता समाज के लोग रहते हैं। आपको बता दें कि भोक्ता समाज की बेटियों की शादी बिना दहेज के होती है। अगर लड़के वाले चुपके से दहेज लड़की वालों से ले लेते हैं तो उसके परिवार में अन्य सदस्यों के साथ भोक्ता समाज के लोग अपनी लड़की या लड़के की शादी नहीं करते हैं। मदनपुर थाना क्षेत्र के लंगूराही गांव निवासी जमाहिर सिंह भोक्ता ने कहा कि पूर्वजों से ही हम लोगों की समाज में दहेज ना लेने और  ना ही देने की प्रथा चल रही है।

दहेज कहां से दे पाएगा?

आपको बता देंकि  जमाहिर सिंह भोक्ता ने बताया कि हमारे समाज में लड़के वाले दहेज नहीं लेते हैं। भोक्ता समाज के अधिकांश लोग गरीब तबके के होते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर एक भोक्ता समाज के परिवार में 4 पुत्री जन्म ले लेती हैं तो दहेज कहां से दे पाएगा? इसलिए हमारे समाज में पूर्वजों से ही दहेज नहीं लेने और ना देने की प्रथा है।

दबाव नहीं बनाया जाता है

हमारे समाज में वर-वधू की योग्यता पर दोनों की शादी  होती है। अधिकतर जगहों पर परिवार वालों की बात पर विचार होने के बाद लड़के और लड़की को देखने जाते हैं। दोनों की योग्यता और गुण मिलने के बाद शादी कराई जाती है.।इसके बाद खुशी के अनुसार शादी के कुछ महीने बाद बिना लड़के वाले के मांगे हुए अपनी अर्थव्यवस्था को देखते हुए लड़की वाले अपने पुत्री को उपहार देते हैं।  इसमें कोई भी लड़का पक्ष से मांग नहीं की जाती है।  यह उपहार दे भी सकते या फिर नहीं भी दे सकते हैं।  लड़की के घर वालो पर लड़का पक्ष की तरफ से कोई दबाव नहीं बनाता है।