India News(इंडिया न्यूज),Nitish kumar bharat ratn: बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को भारत रत्न दिए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। जेडीयू नेताओं के बाद मोदी सरकार के मंत्री जीतन राम मांझी ने भी इसकी मांग की है। बिहार के सीएम को भारत रत्न तो नहीं मिला लेकिन मांझी की मांग पर सियासत गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने जीतन राम मांझी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है और लालू प्रसाद यादव का नाम आगे कर दिया है, जबकि जेडीयू ने कहा है कि यह पुरस्कार नीतीश कुमार के नाम पर चलता है। इस बीच बीजेपी ने भी नीतीश कुमार को भारत रत्न दिए जाने की वकालत की है।
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नीतीश को मिले भारत रत्न : जीतन राम मांझी
गणतंत्र दिवस के मौके पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने नीतीश कुमार के लिए भारत रत्न या इसके समकक्ष सम्मान की मांग की है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तमाम बाधाओं के बावजूद बिहार का नाम रोशन किया और उन पर किसी भी तरह के वित्तीय अनियमितता या भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। उन्होंने बिहार के विकास को गति दी है। लेकिन मांझी की मांग पूरी होने से पहले ही राजनीति तेज हो गई है। विपक्षी आरजेडी ने मांझी की मांग को राजनीति से प्रेरित करार दिया है।
जीतन राम मांझी की मांग पर राजद का तंज
बता दें, मांझी की इस मांग पर राजद की पार्टी प्रवक्ता एज्या यादव ने कहा है कि जीतन राम मांझी की मांग का इरादा कुछ और ही है। वह कुछ मांग नहीं रहे हैं, बल्कि अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वह भूल रहे हैं कि नीतीश कुमार, सुशील कुमार मोदी, रविशंकर सिन्हा, ये सभी लालू प्रसाद यादव की यूनिवर्सिटी से निकले हैं। लालू प्रसाद उनके गुरु हैं। इसलिए अगर मांझी जी को भारत रत्न मांगना है तो उन्हें लालू प्रसाद यादव के लिए मांगना चाहिए।
जेडीयू ने किया तीखा पलटवार
जेडीयू ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार का व्यक्तित्व इतना महान है कि पुरस्कार उनके पीछे भागते हैं। उन्हें ग्लोबल थिंकर की उपाधि मिली है। यूएनओ राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में उन्हें क्लाइमेट नेता कहा गया था। उनके बारे में पीएम की राय है कि राम मनोहर लोहिया और जॉर्ज फर्नांडिस के बाद नीतीश कुमार ही ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने देश में परिवारवाद की राजनीति के खिलाफ समाजवादी मूल्यों की राजनीति की है। ऐसे में जीतन राम मांझी को ऐसी मांग करने का हक है।