India News (इंडिया न्यूज),Prashant Kishor: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का ऐलान किया है। यह जनगणना मुख्य जनगणना के साथ ही कराई जाएगी। आजादी के बाद से किसी भी जनगणना प्रक्रिया में जाति को शामिल नहीं किया गया था। अब सरकार के इस फैसले के बाद सभी राजनीतिक दल अपने नफा-नुकसान के हिसाब से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। प्रशांत किशोर ने भी इस पर बड़ा बयान दिया है।
जनगणना में जाति जनगणना को शामिल किए जाने पर प्रशांत किशोर ने कहा है कि समाज के बारे में बेहतर जानकारी देने वाली किसी भी तरह की जनगणना से कोई दिक्कत नहीं है। सिर्फ जनगणना करने से देश में सुधार नहीं आएगा। सुधार तभी होगा जब सरकार जनगणना के नतीजों पर काम करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में जाति जनगणना रिपोर्ट में कहा गया था कि गरीब परिवारों को व्यवसाय के लिए 2 लाख रुपये मिलेंगे, हालाँकि आज तक उन्हें नहीं मिले। सिर्फ किताब खरीदने से आप विद्वान नहीं बन सकते, आपको किताब को पढ़ना और समझना होगा।
बिहार चुनाव में सक्रिय प्रशांत किशोर 20 मई से ‘बिहार बदलाव यात्रा’ शुरू करने जा रहे हैं। 11 मई को जन सुराज पार्टी पूरे राज्य में हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगी, जिसके तहत वे बिहार में एक करोड़ लोगों से तीन मुद्दों पर नीतीश कुमार की विश्वसनीयता के बारे में बात करेंगे, पहला- जाति जनगणना, दूसरा- दलित महादलित परिवारों को जमीन देना और तीसरा- भूमि सर्वेक्षण, हम इन तीनों मुद्दों पर बिहार में एक करोड़ लोगों से बात करना चाहते हैं।