India News (इंडिया न्यूज),Rahul Gandhi: बिहार में अब विपक्षी दलों ने चुनाव को लेकर अपनी चाल चलनी शुरू कर दी है। वहीँ अब राहुल गाँधी की भी बिहार के चुनावी माहौल में एंट्री हो गई है। जिसके चलते बिहार के नालंदा जिले के राजगीर स्थित कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार को कांग्रेस की ओर से संविधान सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि हमने शुरू से ही जातिगत जनगणना की मांग की थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया। इसके अलावा राहुल गांधी ने कहा कि मैंने खुद मोदी जी से लोकसभा में जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी, जिसके बाद सरकार को मजबूर होकर पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा करनी पड़ी। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि, जातिगत जनगणना के बाद हम कार्रवाई करेंगे, हालांकि इसकी जानकारी बाद में साझा की जाएगी।
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि देश के बड़े संस्थानों में पिछड़े, अति पिछड़े और दलितों की भागीदारी के बारे में जानकारी सामने आनी चाहिए। आज 90 फीसदी आबादी बड़े पदों पर नहीं है। भारत में 90 फीसदी लोग ज्यादा पीड़ित हैं. राहुल गांधी ने कहा कि बिहार और दूसरे राज्यों में रोजगार नहीं मिलने की वजह से लोग दूसरे राज्यों में जाते हैं। उन्होंने बताया कि वे 2004 में राजनीति में सक्रिय हुए। उनके मुताबिक बड़ी कंपनियों का लाखों रुपये का कर्ज माफ कर दिया जाता है, लेकिन आदिवासी, पिछड़े और दलित वर्ग का कर्ज कभी माफ नहीं हुआ।
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इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि राजगीर को पहले सत्य, अहिंसा और न्याय की धरती कहा जाता था। आज इसे बिहार की अपराध राजधानी के रूप में जाना जाता है। बिहार की स्थिति काफी बदल गई है। आजकल जापान और कोरिया की बात होती है, जिनकी सोच की वास्तुकला बिहार से आई थी। बिहार की सत्य और न्याय की विरासत को पूरी दुनिया में फैलाने का यही मतलब है, लेकिन वर्तमान में बिहार की सरकार यह सब भूल गई है। बिहार ने न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया को रास्ता दिखाया था, लेकिन आज यहां के लोग रोजगार के अभाव में दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं।
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