इंडिया न्यूज, नवादा।
RJD Decision Created A Ruckus In The Party : बिहार में एमएलसी चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी काफी तेज हो गई है। लालू यादव की पार्टी राजद द्वारा नवादा से अपने प्रत्याशी का नाम घोषित करते ही पार्टी में घमासान शुरू हो गया है। राजद नेतृत्व में श्रवण कुशवाहा को स्थानीय निकाय कोटे के नवादा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।
प्रत्याशी के नाम घोषित होते ही पार्टी में हो गया विद्रोह
इस घोषणा के साथ ही पार्टी में विद्रोह हो गया है। जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव ने अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को संबोधित करते हुए एक लाइन के पत्र में केवल इतना लिखा कि मैं नवादा जिला राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं। आप इसे सहर्ष करें। इस इस्तीफे को श्रवण कुशवाहा की उम्मीदवारी पर बगावत के रूप में देखा जा रहा है।
पार्टी के अंदर के ही लोगों के उम्मीदवार बनाए जाने की थी मांग
गौरतलब है कि पार्टी का जिला नेतृत्व व कार्यकर्ताओं की यह इच्छा थी कि पार्टी के अंदर से किसी को अपना उम्मीदवार बनाया जाए। स्थानीय नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को श्रवण कुशवाहा के नाम पर अपनी आपत्ति भी दर्ज करा दी थी।
श्रवण कुशवाहा का राजद से कभी नहीं रहा है वास्ता
पार्टी के तीनों विधायक नवादा की विभा देवी, गोविंदपुर के मो. कामरान और रजौली के प्रकाश वीर ने दल के अंदर से किसी को उम्मीदवार बनाने की इच्छा जाहिर की थी। वहीं उम्मीदवार बनाए गए श्रवण कुशवाहा का वास्ता कभी राजद से नहीं रहा है। राजद के अंदर से पूर्व मंत्री राजबल्लभ प्रसाद के भाई विनोद यादव, भतीजा अशोक यादव व राजद जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव के नामों की चर्चा तेज थी।
राजद ने श्रवण पर जताया भरोसा
लेकिन, पार्टी ने भरोसा श्रवण पर जताया। एमएलसी का पिछला चुनाव यानि 2015 में श्रवण ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं। तब वे जदयू के प्रत्याशी रहे सलमान रागीव से कड़े मुकाबले में पिछड़ गए थे। उसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में गोविंदपुर व नवादा से तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। इस बार वे राजद का टिकट पाने में सफल रहे हैं, तो पार्टी के अंदर ही चुनौतियां खड़ी हो गई है। अब देखना है कि इस बगावत पर पार्टी का क्या रूख होता है।
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