Bihar News: भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की मुहिम चलाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब महागठबंधन के बीच उलझते हुए नजर आ रहे हैं। कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में JDU उम्मीदवार की हार ने मानो उनके देशव्यापी अभियान पर विराम लगाने को लेकर संकेत दे दिया है। राजद नेताओं ने हार के बाद सीएम नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया था।
पीएम पद की दावेदारी आलाकमान पर करती निर्भर
आपको बता दें कि नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर प्रदेश कांग्रेस के नये अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी कहा था कि ये आलाकमान पर निर्भर करता है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को परास्त कर दिया जाए तो फिर प्रधानमंत्री पद को लेकर बात होगी।
इसके साथ ही सिंह ने नीतीश के स्थान पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को वरीयता देते हुए कहा है कि महागठबंधन के बड़े दल के तौर पर RJD कांग्रेस, वाम दलों समेत अन्य छोटे दलों को मिलाकर समन्वय समिति स्थापित करे। जिससे लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बिहार में एक-दो सीटों पर ही रोका जा सके। विपक्षी एकता की उनके इस बयान से मुहिम की हवा निकल गई है।
नीतीश को पीएम मैटेरियल
JDU ने अपने अधिवेशन में एक दिन पहले ही नीतीश को एक बार फिर से प्रधानमंत्री मैटेरियल बताया था। जाहिर सी बात है कि बिहार में सरकार में शामिल दोनों दल कांग्रेस तथा जदयू अभी भी राष्ट्रीय राजनीति में साथ चलते हुए नजर नहीं ा रहे हैं। जिसके चलते ऐसे हालात बन गए हैं कि गठबंधन संकट पड़ सकता है। जिसका सीधा लाभ बीजेपी को होगा।
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