India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार में दशहरे के बाद लगातार सियासी बयानबाजी जारी है। इसी बीच राष्ट्रिय जनता दल (RJD) से विधायक फतेह बहादुर सिंह ने मां दुर्गा पर आपत्तिजनक बयान दिया है। आरजेडी विधायक ने मां दुर्गा को काल्‍पनिक बताया है और कहा है कि पूजा-पाठ करना फिजूल खर्च है। महिषासुर यादव समाज का न्‍यायिक राजा बताया। विधायक के इस विवादित बयान के बाद बिहार की सियासत में उबाल आ गया है।

महिषासुर को नायक बताया

विधायक ने मीडिया के सामने मां दुर्गा पर अभद्र टिप्पणी की और महिषासुर को नायक बताया। उन्होंने कहा कि महिषासुर का वध नहीं, हत्या की गई। उन्होंने आगे कहा कि जब कहा जाता है कि देवी दुर्गा की उत्पत्ति भगवान शिव ने किया था, वहीं दूसरी ओर दुर्गा को शिव की पत्नी बताया जाता है। तो क्या भगवान शंकर ने अपनी बेटी से शादी कर लिया था।

‘ब्राह्मण’ को किया टारगेट

वहीं विधायक फतेह बहादुर सिंह का हिंदू आस्था एवं जाति व्यवस्था पर टिपण्णी की। उन्होंने देवी दुर्गा के बाद अब ‘ब्राह्मण’ को टारगेट किया है तथा कहा है कि अंग्रेज भी कहते थे कि ‘ब्राह्मणों’ में न्यायिक चरित्र नहीं है। इसीलिए अंग्रेजी शासन में ‘ब्राह्मणों’ को ‘जज’ नहीं बनाया जाता था। उन्होंने अंग्रेजी कानून का हवाला देते हुए कहा कि सन 1918 में अंग्रेजों ने कानून बनाकर ‘ब्राह्मणों’ को न्याय व्यवस्था से अलग कर दिया था।

देवी दुर्गा की कहानी पूरी तरह काल्पनिक

उन्होंने मनुवादियों पर सवाल करते खड़े करते हुए कहा कि सारे देवता मिलकर महिषासुर का वध नहीं, दुर्गा के माध्यम से हत्या करवा दिया था। उन्होंने देवी दुर्गा के अस्तित्व पर सवाल खड़े करते हुए यह भी कहा कि आखिर रात के अंधेरे में देवी दुर्गा महिषासुर के पास क्यों जाती थी?

चुकी ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसकी हम पुष्टि नहीं करते हैं। विधायक यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि महिषासुर बहुजनों का नायक है। विधायक ने कहा कि यह कैसे संभव है कि किसी महिला के दस हाथ हों। विधायक ने दुर्गा के पति,माता पिता के बारे में पूछते हुए कहा कि जब जन्म औऱ मृत्यु का पता नहीं तो फिर यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है।

दरअसल, विधायक के इस बयान पर बवाल जारी है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने विधायक के बयान पर घोर आपत्ति जताई है और विरोध में उनके पुतला दहन किया है। वॉट्सऐप ग्रुप में विधायक के एक बयान के वायरल होने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने विरोध किया।

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