India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया प्रखंड के सिसवनीया पंचायत के विशुनपुरवा गांव में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत स्वच्छता पर्यवेक्षक और स्वच्छता कर्मी संघ की एक दिवसीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले के सैकड़ों पर्यवेक्षकों ने भाग लिया और अपनी पांच प्रमुख मांगों को सरकार के समक्ष रखा।
स्वच्छता पर्यवेक्षकों की भूमिका और चुनौतियां
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान फेज-2 के अंतर्गत राज्य की 8,061 ग्राम पंचायतों में स्वच्छता पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। ये पर्यवेक्षक सुबह 6 बजे से शाम तक स्वच्छता से संबंधित विभिन्न कार्यों में संलग्न रहते हैं, जिसमें घर-घर से सूखा और गीला कचरा एकत्र करना, उसे वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट (WPU) केंद्र तक पहुंचाना, कचरे का वर्गीकरण करवाना और स्वच्छता शुल्क का संग्रह शामिल है। इन महत्वपूर्ण कार्यों के बदले, स्वच्छता पर्यवेक्षकों को मात्र 7,500 रुपये और स्वच्छता कर्मियों को 3,000 रुपये मासिक मानदेय मिलता है, जो वर्तमान महंगाई और बिहार के मजदूरी दर के मुकाबले काफी कम है।
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स्वच्छता पर्यवेक्षक और कर्मियों की प्रमुख मांगें:
1. संविदा कर्मियों के लाभ: स्वच्छता पर्यवेक्षकों का नियोजन संविदा के आधार पर किया गया है। उनकी मांग है कि संविदा कर्मियों को मिलने वाले सभी लाभ और मानदंड उन्हें प्रदान किए जाएं।
2. मानदेय वृद्धि: पंचायती राज विभाग द्वारा निर्गत पत्र के अनुसार, स्वच्छता पर्यवेक्षकों का मासिक मानदेय 20,000 रुपये किया जाए।
3. भुगतान प्रक्रिया में सुधार: स्वच्छता पर्यवेक्षकों का मानदेय बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (BRDS) के माध्यम से दिया जाए, ताकि भुगतान में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित हो सके।
4. स्वच्छता कर्मियों के मानदेय में वृद्धि: स्वच्छता कर्मियों को उचित मानदेय प्रदान किया जाए, जिससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण सम्मानपूर्वक कर सकें।
5. सेवा नियमितीकरण और सामाजिक सुरक्षा: स्वच्छता पर्यवेक्षक और कर्मियों की सेवा 60 वर्ष की आयु तक नियमित की जाए और उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एवं कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत कवर किया जाए।
स्वच्छता पर्यवेक्षकों और कर्मियों का कहना है कि वर्तमान मानदेय में उनके परिवार का भरण-पोषण करना अत्यंत कठिन हो गया है। सरकार से उनकी अपील है कि इन मांगों को शीघ्र पूरा किया जाए, ताकि वे अपने परिवारों के साथ सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें और स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान जारी रख सकें।